कबीरदास का प्रकट दिवस मनाया गया*
*फफूंद,औरैया।* क्षेत्र के गांव खानपुर में स्थित बाल आश्रम पर शनिवार को कबीर दास का प्रकट दिवस के उपलक्ष में संत मुक्तामणि की अध्यक्षता में संत शिरोमणि कबीर दास जी का प्रकट दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कोली कोली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बेचेलाल कोरी के द्वारा भाग लिया गया। .कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कोली कोली जागृत महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कहा गया कि कबीर साहेब के जन्म दिवस को प्रकट दिवस इस लिए कहा जाता है क्योंकि कबीर परमेश्वर अपनी पुण्य आत्मों को मिलने के लिए अपने सतलोक से आ कर प्रकट होते हैं वे किसी माता से जन्म नहीं लेते। वर्ष 2024 में, 627 वां कबीर प्रकट दिवस 22 जून को मनाया जा रहा हैं जो कि हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। सन 1398 में कबीर परमेश्वर इसी दिन काशी में लहरतारा तालाब पर कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। कबीर प्रकट दिवस परमात्मा कबीर साहेब के धरती पर प्रकट होने के अवसर पर मनाया जाता है। भगवान कबीर साहेब भारत में उत्तर प्रदेश के काशी में लहरतारा तालाब पर एक कमल के फूल पर अवतरित हुए थे। नीरू-नीमा उन्हें वहां से उठाकर घर ले गए थे जो कि उनके मुँह बोले माता-पिता कहलाए। लोकवेद के कारण कबीर परमेश्वर जी को पूरी दुनिया एक जुलाहा, कवि या संत मानती है । पवित्र वेद भी कबीर परमेश्वर जी की महिमा गाते हैं। पवित्र ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 94, मन्त्र 1 और मण्डल 9 सूक्त 96 मन्त्र 17 से 20 में लिखा है। कि वह परमेश्वर इस धरती पर सहशरीर आते हैं और अपना ज्ञान दोहों व लोकोक्तियों के माध्यम से पूरी दुनिया को बताते हैं। इस अवसर पर राम प्रकाश, रमेश चंद्र, सुभाष चंद्र, विपिन राठौर, शिव दास, अब्दुल गफ्फार, सुभाष आदि लोग मौजूद रहे।