संसार में मित्रता हो तो श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह’*
.*श्रीमदभागवत कथा में सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु हुए भाव-विभोर*
*अछल्दा,औरैया।* कस्बा के पुराने अछल्दा में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड पड़ा। कथावाचक आचार्य राहुल कृष्ण अवस्थी ने भागवत कथा के अंतिम दिन कई प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। इसमें उषा चरित्र, नृग चरित्र, वासुदेव नारद संवाद, सुदामा प्रसंग, परीक्षित मोक्ष की कथा का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया। कथा के दौरान आचार्य ने श्रोताओं को भागवत को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथी सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल पेश की। समाज को समानता का संदेश दिया। इसी कड़ी में आचार्य कृष्ण ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है। वही इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागीदार होते हैं। अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को कथा सुनाई गईं। श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। .उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए इसके बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाएं। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनते हुए श्री कृष्ण सुदामा को निश्चल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा।
आचार्य कृष्ण गौ सेवा कार्य व सनातन संस्कृति को फैलाने का जोर दिया। सुदामा की मनमोहक झाकियों का चित्रण किया गया। जिसे देख हर कोई भाव विभोर हो उठा। अंत में श्री कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया।उन्होंने कहा कि मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए। मित्र एक दूसरे का पूरक होता है। भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे, लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांगा। महा आरती के बाद भोग वितरण किया गया। जिसमें परीक्षित श्रीमति संध्या तिवारी पत्नी ललितेश तिवारी, ऋषि तिवारी,रेशु, शालू,अनुज तिवारी, कपिल तिवारी, भोले शर्मा, हर्षित गुप्ता,विष्णु गुप्ता,राम चौबे, भानु, राजत श्रीवास्तव, छोटे मिस्त्री आदि ने प्रसाद वितरण में सहयोग किया।
*आज 22 जून को होगा भंडारा*
अछल्दा कस्बा के पुराना अछल्दा मे श्रीमद् भागवत कथा का विशाल भंडारा शाम 4:00 बजे से शुरू होगा। यह जानकारी कार्यक्रम आयोजक ने देते हुए सभी से भंडारे में आने की अपील की।