पाप के अंत के कारण भगवान राम का अवतार*
*कैकई के कारण भगवान राम ने समाज के लोगो को नैतिकता का पाठ बताया*.
* *फोटो परिचय-भगवान राम की वनवास कथा का आनंद लेते हुए*.
*ककोर,औरैया।* जिले के ककोर क्षेत्र के अंतर्गत लुखरपुरा में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन भगवान राम के वनवास की कथा आनंद लेते हुए सभी श्रोता कथावाचक हेमलता ने बताया भगवान राम का अवतार त्रेतायुग में सिर्फ पापियों को समाप्त करने के लिए नहीं बल्कि पाप को खत्म करने के लिए और साथ में मानव का उद्धार करने के लिए अवतार लिया था आगे बताया गया कि भले ही कैकई ने भगवान राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा हो जबकि उन्होंने अयोध्या में राज्य नहीं किया बल्कि उन्होंने मानव को नैतिकता का पाठ बताया अपने सच्चे कर्म के प्रति वफादार होना हो अपने राज्य की परवाह न करते हुए अपने कर्तव्य के प्रति वफादार होना चाहिए साथ ही भगवान राम ने लोगों को समाज एवं देश की सच्ची सेवा के लिए जिससे हमें एक समाज में नई पहचान और सम्मान मिले यूं ही नहीं भगवान राम को मानवता का पाठ पढ़ाया और मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाये. भागवत कथा में शामिल भक्तों में परीक्षित हाकिम सिंह एवं सुंदरलाल और अन्य भक्त प्रवीण राजपूत, पूरन सिंह राजपूत, अरमान सिंह यादव, आदराम राम कुशवाहा अभिलाक राजपूत, भारत सिंह राजपूत,पंकज ठाकुरआदि भक्त मौजूद रहे।