शिक्षक संघ चंदेल गुट का प्रांतीय सम्मेलन संपन्न*
*प्रदेश के सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों की पेंशन छीने जाने, एनपीएस के अंशदान की कटौती और न्यायालय के आदेश के बाद भी भुगतान न किए जाने आदि मुद्दों पर चर्चा हुई*
*औरैया।* उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट ) का प्रादेशिक ग्रीष्म कालीन चिंतन एवं शैक्षिक उन्नयन सम्मेलन पौराणिक धार्मिक स्थल शुक्रताल जनपद मुज्जफर नगर के सनातन धर्म इंटर कॉलेज के में प्रदेश अध्यक्ष चेतनारायण सिंह पूर्व विधायक की अध्यक्षता मे हुआ।
10 जून को दोपहर 1 बजे से प्रारंभ हुए सम्मेलन में सबसे पहले पूर्व विधायक चेतनारायण सिंह अध्यक्ष, राम बाबू शास्त्री पूर्व शिक्षक विधायक महामंत्री एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष लवकुश कुमार मिश्र पूर्व विधायक ने संगठन का ध्वज फहरा कर किया। 18 मंडल एवं 75 जनपदों के जिला अध्यक्ष एवं जिलामंत्री, प्रदेशीय कार्यसमिति के पदाधिकारी, मंडल अध्यक्ष एवं मंडल महामंत्री ने भी ध्वजारोहण कार्यक्रम में सहभागिता की।
सम्मेलन के स्वागत अध्यक्ष प्रबंधक सनातन धर्म इंटर कॉलेज शुक्रताल ने अपने स्वागत भाषण में प्रदेश के शिक्षकों से आवाहन किया कि ऐतिहासिक धर्म नगरी जहां सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को प्रथम बार श्री मद भागवत का अपनी मधुर वाणी में रसास्वादन कराया। वहां प्रदेश के मूर्धन्य शिक्षिकों का यह सम्मेलन लाखो लाख विद्यार्थियों को प्रगति के नए आयाम उपस्थित करने का मूल मंत्र होगा। प्रदेश का सम्मान भारत ही नहीं वरन् पूरे विश्व को एक नई ऊर्जा एवं शक्ति से ओतप्रोत करेगा। अध्यक्ष चेतनारायण ने शिक्षकों की चिंतन धारा को जाग्रत करते हुए कहा कि आज प्रदेश के करोड़ो नर नारी हमारी ओर आशा भरी दृष्टि से निहार रहे है। हमे उनका पथ प्रदर्शन करना है। आज शिक्षक समुदाय के समक्ष विकट चुनौतियां हैं। सरकार की उपेक्षा से इनमें दिन रात बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश के सहायता प्राप्त विद्यालयों के 1 अप्रैल 2005 के पश्चात कार्य भार ग्रहण करने वाले शिक्षकों के सामने बुढ़ापे का सहारा पैंशन छीने जाने और एनपीएस के नाम से संचालित काटी गई रकम के अंश को कहा जमा किया जा रहा है। राज्य सरकार का अंश दान कहा जमा हो रहा है शिक्षकों को इसकी भी जानकारी नहीं है। प्रदेश के कई हजार तदर्भ शिक्षकों के संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश का अनुपालन नौकरशाही नहीं कर रही है और न्यायालय के आदेशों के बाद भी उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रदेश के हजारों वित्त विहीन, स्ववित्तपोषित कहे जाने वाले विद्यालयों के लाखो शिक्षकों कर्मचारियों की सरकार द्वारा बार बार घोषणा के उपरांत भी सेवा नियमावली निर्गत न करने से उनके भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। जिससे शिक्षक कर्मचारी कुंठाग्रस्त हैं। सम्मेलन के खुले अधिवेशन में पर्याप्त विचार विमर्श के पश्चात सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि 8 वें वेतन आयोग के गठन की प्रकिया आरम्भ की जाए तथा मंहगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो जाने से मूल वेतन में समाहित कर मकान किराया भत्ता आदि में परिवर्तन किया जाए।
औरैया जिला अध्यक्ष उमाकांत दीक्षित ने कहा कि सर्व प्रथम शिक्षकों के समायोजन के नाम पर शिक्षकों का उत्पीड़न न किया जाए और पूर्व में मान्यता के समय निर्धारित सृजित पदों पर कार्यरत शिक्षकों का अनावश्यक उत्पीड़न न किया जाए। कार्यरत एवं वेतन पा रहे शिक्षक का तत्काल प्रभाव से विनतमितीकरण किया जाए तथा स्थानांतरण की प्रकिया को सरल बनाया जाए। प्रदेशीय सम्मेनल में जनपद औरैया की ओर से जिला अध्यक्ष उमाकांत दीक्षित प्रदेशीय संरक्षक प्रेमनारायण दुबे प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य कृष्ण मोहन उपाध्याय (प्रधानाचार्य ), संगठन मंत्री रामशरण मिश्रा, जिला मंत्री संतोष तिवारी जिला कोषध्यक्ष आनंद पाठक, संयुक्त मंत्री ब्रजेश मिश्र, उपाध्यक्ष चंद प्रकाश शर्मा, प्रदेशीय प्रतिनिधि शिवप्रकाश दुबे ,नरेश दुबे, प्रदीप कुमार तिवारी के अतिरिक्त 1 दर्जन शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।