भगवान ने दूध के साथ पूतना के प्राण भी खींच लिए, पंडाल मे लगने लगे जयकारें*

मंदिर कमेटी के की शुरुआत पूजन के साथ की गई, जिसके बाद नंद के घर भगवान की बचपन की अठखेलियों का दृश्य दिखाया गया। , मंचन में आगे की प्रस्तुति में दिखाया गया कि कंस को नहीं पता चल पा रहा था कि उसके काल के रूप में पैदा हुए श्री कृष्ण कहा हैं, जिस पर उसने पूतना को नवजन्मे बच्चों को मारने के लिए भेजा। इस दौरान जब ढूंढते-ढूंढते पूतना श्री कृष्ण के घर पहुंची तो उसने चुपके से श्री कृष्ण को उठाया और अपना विषैला दूध पिलाकर उनको मारने का प्रयास करने लगी, लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने दूध के साथ-साथ पूतना के प्राण भी खींच लिए। मंचन की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को शुरू से अंत तक पंडाल में रोके रखा। इस दौरान हर तरफ नंद घर गोपाल आयो, जय कन्हैया लाल की, आदि जयघोष लगाए गए। इसके बाद वृंदावन से आए कलाकारों द्वारा विभिन्न तरह के नृत्य पेश करके लोगों को झूमने पर मजबूर किया। रोजाना रासलीला की समाप्ति पर पूजन एवं माखन व मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद भी वितरित किया जाएगा।शिव वीर सिंह यदाव, राजेश फौजी, दिलीप यादव, संजीव यादव, ऋषि यादव, ब्रजेन्द्र मास्टर, अंकित यादव, राम किषोर, योगेश यादव, शिवम, आशीष यादव समस्त कमेटी है।