जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है तब- तब लेते है प्रभु अवतार- आचार्य अनूप तिवारी अंजाना जी महाराज*
*सत्कर्म करने वालों की स्वयं भगवान भी करते मदद- आचार्य अनूप तिवारी अंजाना*
*जब जीवात्मा भगवान की ओर बढ़ती है तब उसके पाप मोम की तरह पिघल जाते है-आचार्य अनूप तिवारी अंजाना*
*अजीतमल,औरैया।* कस्वा क्षेत्र के एक गांव में एक मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय कथा के पांचवे दिन कथा व्यास ने कृष्ण जन्म व कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया और बताया कि कर्म अच्छे है तो दूसरे भी सहयोग करने के लिए आगे आ जाते है। भगवान भी सत्कर्मों का साथ देते है और उनपर कृपा बरसाते है।
मंगलवार को कस्वा क्षेत्र के ग्राम सुदनीपुर अंतर्गत प्राचीन गमा देवी मंदिर पर सात दिवसीय कथा का आयोजन चल रहा है जिसमे कथा व्यास अनूप तिवारी अंजाना जी महाराज ने पारीक्षित बलवीर सिंह चौहान उनकी पत्नी आशा व उपस्थित श्रद्धलुओं को कथा के पांचवे दिन श्री कृष्ण प्राकट्य की कथा, कृष्ण बाल लीलाओं व राक्षसों के बध की कथा का बखान किया जिसमें आचार्य जी ने बताया कि जब जब इस पृथ्वी पर पाप , अधर्म , अन्याय, अत्याचार बढ़ता है तब तब पृथ्वी पर भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते है। कथा व्यास अंजाना जी ने बताया कि जिस प्रकार शर्दियों में घी, मोम आदि कठोर हो जाता है और उसे आग के पास ले जाने मात्र से ही वह पिघल जाता है ठीक उसी प्रकार जब जीवात्मा कभी भी परमात्मा के करीब जाता है तो उसके पाप मोम की तरह पिघल जाते है। उन्होंने बताया कि जब प्राणी सत्कर्म करता है तो उसकी सभी मदद करने को तैयार रहते है यहां तक की परमात्मा भी उसकी सदैव मदद करते है। आगे कथा का बखान करते हुए व्यास जी बताया कि जिस प्रकार सभी प्राणियों के जीवन में दुःख आता है उसी प्रकार भगवान भी दुःख भोगते है जब कृष्ण भगवान का जन्म हुआ तो कारागार में हुआ ये भगवान के लिए दुःख था कि भगवान होते हुए भी उन्हें दुःख भोगना पड़ा तो प्राणियों को दुःख से घबराना नही चाहिए बल्कि डटकर सामना करना चाहिए। भगवान कृष्ण के जन्म होते ही वासुदेव जी के हाथों व पैरों की बेड़ियां व हथकड़ियां अपने आप खुल गयी अर्थात जब हम ईश्वर के बताये मार्ग पर चलते है तो सभी बाधाएं व बेड़िया टूट जाती है जो व्यक्ति स्वयं के मार्ग पर चलता है वह दुखी रहता है लेकिन जो व्यक्ति ईश्वर के बताये मार्ग पर चलता है वह सदैव खुश रहता है।
आचार्य जी ने बताया कि भगवान कृष्ण सबके मन की बात जानते थे वे बाल्यकाल से ही गोपियों व सखाओं की मन की बात जानते थे। भगवान कृष्ण ने बाल लीलाओं को दिखाकर प्रत्येक मन में वास करनाउन्हीने अकासुर, बकासुर, पूतना जैसे पृथ्वी पर व्याप्त संकट रुपी राक्षसों को मारकर भक्तों को कष्टों से दूर किया।
वही कार्यक्रम के आयोजक उदय वीर सिंह चौहान व ग्राम वासियों ने अधिक से अधिक संख्या में कथा सुनने की व रात में रामकुमार तिवारी अंजाना जी के द्वारा राधेश्याम रामायण की कथा सुनने की अपील की है। तो कार्यक्रम की व्यबस्था में जयवीर, धनवीर, इंद्रपाल, नत्थू सिंह, सुधीर सिंह, विनय तिवारी, यदुराम सिंह सहित तमाम लोगों ने व्यबस्था को संभाला।