*पचनद बाध बने तो छ: जनपदो की भूमि उगलेगी सोना*
*अजीतमल,औरैया।* वर्ष 1976 में औरैया जनपद के ग्राम जसवंतपुर में एक जनसभा को संम्बोधित करने आई पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंन्दरा गांधी ने यहां जल की उपलब्धता को देखते हुए ग्राम सडरापुर में बांध बनाने का एलान किया था। यदि यह सपना तत्कालीन केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने भी वर्ष 2019 में इसको पूरा कराने के लिए अजीतमल आकर जनता को पचनद बाध बनवाने का भरोसा दिया था। ताकि बुन्देलखण्ड सहित पांच जनपदो की भूमि सोना उगलने लगेगी। ,इस प्रोजेक्ट इटावा औरैया से लेकर इलाहाबाद तक कृषि क्षेत्र में पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकता हैं। इसके पूर्व तत्कालीन सपा सांसद ने भी दो बार पचनद बाध को लेकर संसद में पुरजोर वकालत की थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि यह कार्य मऊरानीपुर डिवीजन को सौपा था। इसके बावजूद भी यह परियोजना नेताओ के लिए चुनावी मुद्दा बनकर रह गयी है। पूर्व प्रस्तावित प्रोजेक्ट में 764 मी० ऊंचाई पर बाध बनाया जाना हैं। इसमें 12 मीटर के 41 बैराज होगे, कुल 40 पियरों में 34 पियरो की मोटाई 5 मीटर होगी। 6 पियरो में पावर लगाई जाएगी प्रत्येक की क्षमता 154 मेगावाट होगी। इस तरह कुल 410 मिलयन यूनिट बिजली का उत्पादन भी हो सकेगा, साथ ही दो नहरे निकाली जाएगी। बाध से निकलने बाले बांए फीडर की लम्बाई 72 कि०मी० होगी जो भोगनीपुर इटावा गंग नहर को औरैया कानपुर देहात घाटमपुर फतेहपुर और बिदकी व इलाहाबाद तक पानी देगा। दाए फीडर से जालौन और बुन्देलखण्ड की बेतवा नहर प्रणाली को पानी दिया जाएगा। इससे 4.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र भूमि को सिचाई के लिये पानी मिलेगा। इस बाध के निर्मित होने से गंग नहर की क्षमता 70 फीसदी से बढकर 102.4 फीसदी होगी। जब कि बेतवा नहर की क्षमता 65 से बढाकर 85.5 फीसदी की जा सकती है। 3000 क्यूसेक जल से बिजली उत्पंन्न की जाएगी बांध बन जाने से विकास की द्रष्टि से कई फायदे भी होगे। इसमें बीहड़ के खादरो मे फसले उगेंगी, इलाके के लोगो को रोजगार देने के लिये बडे पैमाने पर मछली पालन भी कराया जा सकता हैं।