बिना प्रस्ताव पास हुए नगर वासियों से बढ़ाकर बसूला जा रहा है मकान टैक्स*
*अधिशाषी अधिकारी को अधिक बसूले जा रहे टेक्स की जानकारी नही है*
*सभासदों द्वारा विरोध करने पर सफाई कर्मचारी ने सभासदों से की अभद्रता*
*मामले ने पकड़ा तूल,ईओ व चेयरमैन के समझाने पर मामला हुआ शांत*
फफूंद l औरैया
सोमवार सुबह नगर पंचायत फफूंद कार्यालय में पहुँचे सभासदों ने मकान टैक्स के दोगुने रुपये को लेकर सफाई कर्मचारी द्वारा काटी जा रही रसीद को लेकर सभासदों के द्वारा विरोध करने पर सफाई कर्मचारी द्वारा उनके साथ अभद्रता किये जाने से मामला गर्मा गया और सफाई कर्मचारी ने सभासदों के साथ अभद्रता कर दी। ईओ व चेयरमैन के समझाने पर मामला शांत हुआ।वहीं ताज्जुब की बात यह कि कर्मचारी द्वारा मकान टैक्स के वसूले जा रहे अधिक रुपयों की अधिशासी अधिकारी को कोई जानकारी ही नहीं है।
सोमवार को नगर पँचायत फफूंद के सभासद शब्बीर क़ुरैशी, मुईनुद्दीन राईन,राजीव राजपूत, राजीव कठेरिया,गौरव राजपूत,अर्पण तिवारी,नाजमा बेगम,आरती,अशोक राजपूत,बृजेश कुमारी,प्रतिनिधि अकील मेव व वसीम अंसारी,ओमबाबू तिवारी ने नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर मकान टैक्स के दोगुना रुपये बढ़ाकर रसीद काट रहे सफाई कर्मी रमेश यादव से बिना बोर्ड की मीटिंग के प्रस्ताव पास हुए रसीद काटने का विरोध किया तो सफाई कर्मचारी रमेश यादव द्वारा सभासदों के साथ अभद्रता की गयी देखते ही देखते मामला तूल पकड़ गया घटना की जानकारी के बाद नगर पंचायत अध्यक्ष मु० अनवर क़ुरैशी व अधिशाषी अधिकारी विनय शुक्ला नगर पंचायत कार्यालय पहुँचे और उन्होंने सभासदों को समझा बुझाकर मामला शांत करवाया सभासदों का आरोप है। कि सफाई कर्मी नशा करके कार्यालय में ड्यूटी करता है बताया जाता है।कि बिना बोर्ड की मीटिंग में प्रस्ताव पास हुए अचार सहिंता में नगर पंचायत द्वारा बारात घर व मकान टैक्स के रुपये बढ़ा दिए गए।जब इस सम्बंध में नगर पंचायत अध्यक्ष मु० अनवर क़ुरैशी से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और किसी भी कर्मचारी को यह अधिकार नहीं है कि वह सम्मानित सभासदों के साथ गलत व्यवहार करें उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर उसे दण्डित किया जाएगा,जो भी कर होगा वह आगामी बोर्ड मीटिंग में ही तय होगा और जो कर पास होगा वही जनता से लिया जाएगा, बढ़ा हुआ कर जनता से लिया गया है उसकी जांच कर बढ़ा हुआ पैसा उनका लौटाया जाएगा।
इस सम्बंध में ईओ विनय शुक्ला से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है कि बारात घर व मकान टैक्स का किराया बढ़ा है।अगर कर्मचारी बढ़ाकर पैसा ले रहा था उसकी जांच करवाकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।अब हैरत वाली बात यह है कि बोर्ड की मीटिंग के प्रस्ताव पास हुए बिना कर्मचारी कैसे अधिक रुपये वसूल रहा है,सवाल यह पैदा होता है कि क्या अधिशाषी अधिकारी और नगर पंचायत अध्यक्ष के आदेश के बिना आखिर कर्मचारी कैसे रुपये बढ़ाकर मकान टैक्स और बारात घर का किराया वसूल सकता है?जबकि अधिशाषी अधिकारी को इसकी जानकारी नही है l