क्यों ना हों हादसे?-डग्गामारी व ओवरलोडिंग पर नहीं अंकुश*
बिधूना,औरैया।* आखिर सड़क हादसे क्यों ना हों? डग्गामारी व ओवरलोडिंग पर संबंधित अधिकारी अंकुश लगाने में विफल है।अधिकारियों के सामने अधिकांश वाहन चालक सरेआम ओवरलोड सवारियां भरकर निकलते हैं इतना ही नहीं कोतवाली,थाने व चौकी के सामने से अधिक सवारियां भरकर निकलने में वाहन चालक तनिक भी संकोच नहीं करते हैं। बड़ी घटना के बाद कुछ दिनों तक अधिकारियों की तत्परता दिखाई देती है लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है जिससे चालकों की मनमानी शुरू हो जाती है। .शासन की ओर से सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाने के लिए ओवरलोड व डग्गामारी पर लगाम लगाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। आला अधिकारियों के निर्देश पर कई वाहनों को सीज भी किया गया। सैकड़ों वाहनों के चालान किये गये लेकिन वाहनों पर सवारी अधिक ना बैठ सकें इसलिए उनमें अवैध रूप से लगवाई गई अतिरिक्त सीटें भी हटवाई गई लेकिन बाद में ऑटो संचालकों ने फिर से अतिरिक्त सीटें लगवा ली है। हालांकि पुलिस की कार्यवाही के बाद कुछ दिनों तक वाहनों की ओवरलोडिंग पर अंकुश लगा लेकिन धीरे-धीरे फिर से व्यवस्थाएं सामान्य होने लगीं। क्षमता से कई गुनी सवारियां भरकर सड़कों पर ऑटो फर्राटा भरते हैं। चौराहों पर लगे सुरक्षाकर्मियों का चालकों पर कोई अंकुश नहीं है। पुलिस कर्मियों की बात छोड़ो, कोतवाली व चौकी के बाहर से ओवरलोड सवारियां भरकर ऑटो चालक बेफिक्र होकर निकलते हैं। कई बार वाहन चालकों की लापरवाही सवारियों की जान पर भारी पड़ जाती है। देखना है कि ओवरलोडिंग पर कब तक लगाम लगेगी।