अजीतमल /औरैया
आज कथा के प्रथम दिन आचार्य पंडित राकेश कुमार दुबे ने श्रोताओं को भक्ति ज्ञान और वैराग्य की कथा का श्रवण कराया। कथा में परीक्षित महेंद्र वर्मा और उनकी धर्मपत्नी अरुणा देवी ने पूजन अर्चन कर कथा शुभारंभ किया।आचार्य ने बताया कि नारद मुनि वृंदावन यात्रा करते वृंदावन धाम गए जहां माता भक्ति तथा पुत्र ज्ञान एवं वैराग्य से मुलाकात हुई। सभी के शंका निवारण के लिए बद्रिका आश्रम गए। वहां सनद कुमारों के द्वारा नारद जी ने भागवत कथा गाय घाट, गंगा तट (हरिद्वार) में कराई। नारद जी मुख्य श्रोता बने और ज्ञान, वैराग्य एवं भक्ति का उस कथा के सुनने से दु:ख दूर हुआ। यह भी कहा कि दुराचारी को भी इस कथा के श्रवण के कारण मुक्ति मिल जाती है।
आचार्य ने कहा कि भागवत कथा प्रारंभ करने के लिए जिस प्रकार शुभ मुहूर्त अच्छा होता है, उसी प्रकार कथा का पूर्ण फल एवं मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए श्रोता को भी फल-आहार ग्रहण करना चाहिए। भागवत सुनने से मनुष्य के तमाम दुख दूर होते हैं। यह मानव के सुखी जीवन का आधार है। इस कथा को सुनने से पुण्य मिलता है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता मौजूद रहे।