पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ने पर करते है प्रभु रक्षा-आचार्य कमलाकांत दुबे*
*अभिमान और अन्याय पर ही प्रभु ने जीत की हासिल- आचार्य कमलाकांत दुबे*
*पूतना बध,गोपी उद्धव सम्बाद, व गोवर्धन लीला की कथा सुनकर श्रद्धालु हुए भाव विभोर*
*अजीतमल,औरैया।* कस्वा क्षेत्र के एक गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य ने कथा में बखान करते हुए पूतना बध, गोपी सम्बाद व गोवर्धन लीला का वर्णन किया।
सोमवार को कस्वा क्षेत्र के गांव मौहारी में चल रही भागवत कथा में आचार्य कमलाकांत दुबे ने पारीक्षित संतोष शर्मा को पत्नी मिथलेश सहित उपस्थित श्रद्धलुओं को पूतना बध, कृष्ण लीला, गोपी उद्धव संवाद व गोवर्धन लीला का सुंदर ढंग से वखान किया जिसमे उन्होंने वताया की प्रभु प्रेम के भूखे है यदि प्रेम से प्रभु को याद किया जाये तो भगवान अवश्य दर्शन देते है तो वही उन्होंने बताया की जब भगवान कृष्ण छोटे थे तो उन्हें मारने के लिए कंश ने पूतना को भेजा था जिसका भगवान कृष्ण ने बध करके एक अत्याचार का अध्याय समाप्त कर दिया था और सिद्ध कर दिया की भगवान अत्याचार, पाप व अन्याय के विरोध में सदैव भक्तों की रक्षा करते है। वही जब इसके बाद कंश द्वारा भेजे गए वहुत से राक्षसों में अकासुर, वकासुर जैसे अत्याचारियों को मारकर लोगों के प्राणों की रक्षा की थी। साथ ही बखान करते हुए बताया की भगवान प्रेम के बंधन में बंधे होते है जिसके कारण भगवान ने गोपियों के साथ रहस्य लीला रचाई और गोपियों को उनके प्रेम का ज्ञान दिया और उनके प्रेम की डोर में सदा के लिए वंध गये। प्रेम दुनिया का सवसे अच्छा मार्ग है।इसके बाद आचार्य जी ने कथा का वखान करते हुए बताया कि घमंड सदैव नीचा होता है जिसमे उन्होंने बताया कि जब ब्रजवासियों पर इंद्र देव ने भरी बारिश कराकर सब कुछ समाप्त करने की ठानी तो भगवान को स्वयं इंद्रदेव के घमंड को समाप्त करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और गोर्वधन पर्वत को आशीर्बाद दिया की समस्त बृज वासी सहित समस्त श्रद्धालु गोवर्धन की पूजा अर्चना करेगे उसी समय से गोवर्धन पूजा विधि विधान से होने लगी। वही कार्यक्रम की व्यबस्था में धीरेंद्र, दिलासाराम, पातीराम, बाबूराम, कन्हैया लाल, पास शर्मा, रामप्रकाश, गंगाराम, सुदामा, बलवीर, राघवेंद्र, सिन्की, राजू सहित सेकड़ों श्रद्धालुओं ने व्यबस्था को संभाला।