मुर्चा बिकूपुर के प्राचीन सती स्थल पर लगा पारंपरिक मेला पूजापाठ व हुए मुंडन*
*सेंगर वंशजों व मेवों के बीच वर्चस्व की जंग के लिए यहां लगा था मोर्चा*
*बिधूना,औरैया।* बिधूना क्षेत्र के मुर्चा बिकूपुर शिवपुर में प्राचीन सती स्थल पर प्रतिवर्ष वैशाख अमावस्या को लगने वाले पारंपरिक मेले के तहत बुधवार को यहां विशाल मेला लगा साथ ही हवन पूजन के साथ ही सैकड़ो की तादाद में सेंगर वंशजो द्वारा अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी यहां कराए गये और बैंड बाजों के साथ झंडे घंटे जवारे भी चढ़ाए गये। .किंवदंती है कि इस सती स्थल पर वर्षों पूर्व सेंगर वंशजों व मेवों के बीच वर्चस्व के लिए घोर युद्ध हुआ जिसमें शहीद हुए सेंगर वंशजों की पत्नियां यहां भारी संख्या में सती हो गई थी। मेले के मौके पर प्रतिवर्ष सेंगर वंशजों द्वारा हवन पूजन के साथ अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी यहां कराए जाते हैं। बिधूना तहसील क्षेत्र के मुर्चा बिकूपुर शिवपुर में स्थित प्राचीन सती स्थल के संबंध में किंवदंती है कि यहां के सेंगर वंशजों व मेवों के बीच अपने अपने वर्चस्व को लेकर भीषण युद्ध हुआ था जिसमें शहीद हुए सेंगर वंशजों की पत्नियां अपने पतियों के साथ ही इसी स्थान पर शहीद हो गई थी हालांकि इस युद्ध में सेंगर वंशजों ने मेव वंशजों को क्षेत्र से खदेड़ दिया था अपना वर्चस्व जमा लिया था और इस जिस स्थान पर मोर्चा लगा था उसी का नाम अब मुर्चा हो गया है। इस प्राचीन ऐतिहासिक सती स्थल पर प्रतिवर्ष वैसाख अमावस्या को विशाल मेला लगता है वही इस मौके पर समूचे देशभर से सेंगर वंशजों द्वारा यहां आकर सती स्थल पर पूजा पाठ करने के साथ अपने बच्चों के मुंडन संस्कार आदि भी कराए जाते हैं इसके साथ ही इस मेले में लोग खासकर मिट्टी के बर्तन प्रमुखता से खरीदने आते हैं क्योंकि यहां के बने मिट्टी के बर्तन लोगों की काफी पसंद है। मेले में भजन कीर्तन और फाग गायन के भी जवाबी मुकाबला होते हैं जिसमें जीत हासिल करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाता है। बुधवार को सती स्थल पर लगे मेले में आसपास तहसील क्षेत्र के लोगों ने जमकर खरीदारी की वही भजन कीर्तन भाग आदि पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी लुत्फ उठाया।