कृष्ण जन्मोत्सव में जमकर थिरके श्रद्धालु, गूंजी बधाइयां*
*औरैया।* शहर के जानकी वाटिका के सामने मोहल्ला सत्तेश्वर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव प्रसंग सुनाया गया। कथा के दौरान जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल के जयकारों से गूंज उठा। भक्ति गीतों पर लोग झूमने-नाचने लगे। इस मौके पर अयोध्या से आए स्वामी राघवानंद ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। उन्होंने कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। कथा सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। श्रीकृष्ण जन्म की झांकी ने सभी का मनमोहा।इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित से शुकदेव कहते हैं कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते कि जब-जब धर्म की हानि होती है। तब सज्जनों का कल्याण और राक्षसों का वध करने के लिए भगवान अवतार होता है। उन्होंने बताया कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गये, पहरेदार सो गये। वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गये। प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर प्रभु मनुष्य को सभी सुखों से वंचित कर देते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने भरी यमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आये। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। अंत में उन्होंने बताया कि मनुष्य भगवान को छोड़कर माया की ओर दौड़ता है। ऐसे में वह बंधन में आ जाता है। मानव को अपना जीवन सुधारने के लिए भगवत सेवा में ही लीन रहना चाहिए। कृष्ण जन्म के दौरान परीक्षित नीलम पाण्डेय पत्नी पूरन पांडेय इंजी सानुज पांडेय, बार एसोसिएशन के महामंत्री शैलेश उर्फ पप्पल चौबे सुनील दुबे, नागेंद्र पांडेय, रिंकू शुक्ला सहित सैकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे।