श्रीमद्भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का वर्ण
भागवत में परीक्षित बब्लू यादव पत्नी रीना यादव मोहल्ला बाबा के पुरवा मंदिर के पुजारी नाथू दास जी महाराज ने कथा को बड़े ही मन के साथ सर्वन्न किया।
मंदिर के समिति के सभी श्रद्धालुओं ने कथा के व्यास जी महाराज को मुकुट पहनकर फूलमालाओं के साथ स्वागत किया।
फफूंद। औरैया
नगर के बाबरपुर रोड़ पर स्थित दुर्गा देवी बड़ी माता मंदिर में चल रही नो दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान उत्सव में कथाव्यास पंडित श्री अमित कुमार तिवारी (छुन्ना पंडित)के द्वारा कथा में दिन रविवार को वामन अवतार, श्रीकृष्ण जन्म की कथा एवं नंदोत्सव का वर्णन किया गया।
फूलों की बारिश एवं बधाइयां गा कर मनाया गया कृष्ण जन्म उत्सव
श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि कंस की कारागार में वासुदेव- देवकी के भादो मास की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ था। इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण ने अत्याचारी कंस का वध करके पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया और अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। कृष्ण जन्म की खुशी में रविवार को कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया तथा भक्तों ने नाच कूदकर नंदोत्सव मनाया। श्री कृष्ण का जन्म होते ही पंडाल भक्ति मय हो गया।