न्यायालय ने पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने का दिया आदेश*
*सीआरपी 1563 के तहत प्रर्कीण वाद दर्ज कराया गया*
*राशन कार्ड बनवाने के लिए रुपए की मांग व छेड़छाड़ का आरोप लगाया*
*औरैया।* न्यायालय ने पूर्ति निरीक्षक न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक प्राथमिक विद्यालय में रसोईया पद पर कार्यरत महिला द्वारा राशन कार्ड बनवाने के नाम पर पांच हजार रुपए की नाजायज मांग करने व छेड़खानी करने के प्रार्थना पत्र को स्वीकारते हुए पूर्ति निरीक्षक के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश कोतवाली पुलिस को जारी किया है।
ग्राम भैरौपुर भाऊपुर थाना निवासी महिला ने मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर सीआरपीसी 156 (3) का प्रकीर्णवाद पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध दायर किया। आवेदिका ने वाद में लिखा कि वह प्राथमिक विद्यालय में रसोईया का काम करती है तथा अंत्योदय कार्ड धारक है। उसका राशन कार्ड अगस्त 2023 में कट गया था। उसने पुनः कार्ड बनवाने हेतु प्रार्थना पत्र दिया जिस पर जांच की गई। आवेदिका का आरोप है कि पूर्ति निरीक्षक द्वारा उसे नाजायज रूप से 5000 रुपए राशन कार्ड बनवाने के लिए मांग की। जिस पर उसने असमर्थता जताई। दिनांक 26 दिसम्बर 2023 को सुबह नौ बजे वह अपने पति व संजय कुमार के साथ पूर्ति निरीक्षक के ब्रह्मनगर स्थित आवास पर गई। जहां पर उसके पति व संजय कुमार को घर के बाहर रोक दिया गया तथा आवेदक को घर के अंदर बुलाकर 5000 रुपए की फिर मांग की गई। आरोप है कि पूर्ति निरीक्षक ने उसके साथ अश्लील शब्दों का प्रयोग करते हुए बुरी नीयत से छेड़खानी की। विरोध करने पर पति व संजय आ गए तो उन्हें पूर्ति निरीक्षक ने गालियां देते हुए मारपीट पर आमदा हो गए। इस प्रार्थना पत्र पर सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई की। आवेदक के अधिवक्ता शैलेश कुमार चतुर्वेदी ने पूर्ति निरीक्षक कृपाशंकर के विरूद्ध मामला पंजीकृत करने के लिए दलील दी। इस पर सीजेएम जीवक कुमार सिंह ने आवेदक का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए थाना औरैया में पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध अभियुक्त पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने आदेश में लिखा कि आवेदिका के साथ छेड़खानी की गई है या नहीं यह स्पष्ट विवेचना के माध्यम से हो पता चल सकता है। आदेश को कोतवाली सदर भेजा गया है।