औषधियों गुणों से भरपूर फालसा की प्रजाति होती जा रही विलुप्त*
*कंचौसी,औरैया।* गर्मियों के मौसम में पाया जाने बाला औषधियों गुणों से भरपूर फालसे की प्रजाति दिनों दिन विलुप्त होती जा रही है। इस फल को ग्रेविया येशीयाटिका, भारतीय शरबत बेरी तथा अंग्रेजी में फालसे फ्रूट के नाम से जाना जाता है। इस फल का पेड़ 9 से 12 मीटर लंबा होता है।इस फल में एंटी आक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो शरीर के इंफेक्शन को बचाता है। इस फल में मौजूद मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, फास्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते है। फाल्सा पित्त की समस्याओं में भी लाभकारी होता है और पाचन क्रिया को सुचारू रूप से रखने में भी मददगार होता है।इसके शरबत पीने से पेट की जलन दूर होती है तथा एनीमिया और जोड़ों के दर्द में भी यह फल लाभकारी होता है। इसके सेवन से लू और धूप से राहत मिलती है। यह फल मध्य भारत के वनों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भारत के अलावा यह फल नेपाल, पाकिस्तान, कंबोडिया, और थाईलैंड आदि स्थानों पर पाया जाता है। खट्टे मीठे स्वाद वाला यह फल छोटे छोटे कस्बों में बहुत ही कम देखने को मिलता है।