आलू के रेकार्ड महंगाई से गड़बडाया गृहस्थी का बजट*
*दिबियापुर,औरैया।* सब्जियों का राजा कहा जाने वाला ‘आलू ‘ इन दिनों वास्तव में राजा बन गया है। अचानक महंगाई आने से आलू के दाम अप्रैल की शुरुआत में इतने बढ़े जो इस साल से पहले कभी नहीं रहे। इन दिनों सब्जी मण्डी में अच्छे आलू के दाम दो हजार रुपये प्रति कुंतल तक हैं। जिसके चलते आलू की फुटकर बिक्री 25 रुपये प्रतिकिलो तक हो रही है। जानकारों का कहना है कि इस बार भीषण सर्दी और कोहरा से आलू की फसल बर्बाद हुई थी। इसके बाद रही कसर खुदाई के समय हुई वारिस ने पूरी कर दी जिससे पैदावार में काफी गिरावट रही। उत्पादन में आयी कमी और कोल्ड स्टोरेज में हुए अंधाधुधं भण्डारण की बजह से बाजार में आलू की कीमतों में उछाल आया।
आढ़त पर थोक भाव 800 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक प्रति पैकेट है । पैकेट में 52 किलो आलू की भरती रहती है। मण्डी के प्रमुख सब्जी आढ़ती दीपेश प्रजापति ने बताया कि जनपद में चिप्सोना, 3797, श्रीनाथ एवं कंचन आदि आलू प्रजातियों की मांग रहती है। चिप्सोना, श्रीनाथ एवं 3797 प्रजाति वाला आलू नौ सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये प्रति पैकेट है। जबकि अन्य हाइब्रिड एवं लाल हाइलैण्ड तथा कंचन आदि प्रजातियों का आलू आठ सौ रुपये से लेकर नौ सौ रुपये प्रति पैकेट बिक्री हो रहा है। वहीं सब्जी कारोबार से जुड़े आढ़ती दीपू अवस्थी बताते हैं कि उन्होंने अब तक अप्रैल की शुरुआत में आलू में इतनी महंगाई कभी नहीं देखी। जानकारों का मानना है कि उत्पादक किसानों का खेत, खलियान और घरों में डंप किया आलू कोल्ड स्टोर में भण्डारण तथा बिक्री हो जाने से महंगा हुआ है, जो फिलहाल सस्ता नहीं होगा। लगभग दो माह बाद जब कोल्ड स्टोर से निकासी शुरू होगी तब कीमतें कम ज्यादा होने की उम्मीद है। इस सम्बध में भारत कोल्ड स्टोर के प्रबंधक दीवान सिंह यादव ने बताया कि इस साल पैदावार कम हुई है, जबकि जनपद स्थित कोल्ड स्टोरों में हुए भण्डारण के बाद गैर प्रान्तों में आलू के निर्यात से आलू मंहगा हो गया। इसके अलावा घरेलू खपत में भी आलू की काफी मांग रहने से इस वर्ष आलू के दामों में कमी की उम्मीद न के बराबर लग रही है।