November 20, 2024

हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन*

*औरैया।* शहर के आवास विकास अंबेडकर पार्क परिसर में चल रही भागवत कथा शनिवार को संपन्न हो गई। कथा के समापन के हवन यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली और फिर प्रसाद ग्रहण कर पुण्य कमाया।कथा व्यास आचार्य हरगोविंद बाजपेई ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा।

आचार्य हर गोविंद वाजपेई ने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है।श्रीमद भागवत से जीव में भक्ति,ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं।इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथावाचक ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है।पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान का लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के दिन शनिवार को विधि विधान से पूजा करवाई। दोपहर तक हवन और भंडारा कराया गया। इस मौके पर श्री भगवान पोरवाल, रानू पोरवाल, संजीव पोरवाल सहित विचित्र पहल के संस्थापक आनंदनाथ पोरवाल, कपिल पोरवाल मौजूद रहे।

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