पुरानी कुरीतियों को समाप्त करने में आर्य समाज की भूमिका अहम*
*वार्षिकोत्सव में होगा 200 कुंडीय यज्ञ का होगा आयोजन*
*औरैया।* शहर के दिबियापुर रोड पर स्थित आर्य समाज मेंदिर में वार्षिकोत्सव का आयोजन चल रहा है। जिसमें आए हुए मनीषी अपने अपने विचार रखकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
शनिवार को आयोजित की गई वार्ता के दौरान आर्यवीर दल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय संचालक आचार्य पंकज आर्य ने बताया कि आर्यवीर दल उत्तर प्रदेश के आवाहन पर राष्ट्रपिता महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के अवसर पर आर्य समाज में 200 कुंडीय महायज्ञ एवं ऋषि चर्चा सम्मेलन रविवार को प्रातः 8 बजे से होगा। इसी के साथ 200 कुंडी यज्ञ प्रारंभ किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में आर्य समाज प्रांगण के अंतर्गत आगरा से पधारे आचार्य उमेश चंद्र कुलश्रेष्ठ ने आर्य समाज व ऋषि दयानंद पर प्रकाश डालते हुए कहा के आर्य समाज और दयानंद ने इस देश के लिए अनेक प्रकार के ढोंग आडंबर पाखंड से बचाने का प्रचंड प्रयास किए। बताया कि पिछले 149 वर्ष से समाज में कुरीतियां चल रही हैं। आज देश में अनेक प्रकार की कुरीतियों का निराकरण हुआ है, उसमें ऋषि श्रेय दयानंद और उनकी संस्था आदि समाज को ही जाता है। आर्यवीर दल उत्तर प्रदेश के प्रांतीय संचालक आचार्य पंकज आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती आजादी के देवता थे, जिन्होंने पहली बार डंके की चोट पर कहा था कि विदेशी राजा चाहे पिता के तुल्य प्यार करने वाला क्यों न हो किंतु स्वदेशी राज्य ही सर्वाेपरि होता है। आर्य समाज की प्रधान अंजना गुप्ता ने व डॉक्टर सर्वेश आर्य प्रधान जिला सभा औरैया इटावा ने अपील करते हुए कहा कि कल 200 कुंडी यज्ञ में सभी समय से पधार कर पुण्य के भागी बने। इस अवसर पर देवेश आर्य जिला संचालक आर्य वीर दल औरैया, राजन आर्य, मनीषी बाणप्रस्ती, वीरेंद्र गुप्ता, सूर्यांश आर्य कन्या गुरुकुल नजीबाबाद से पधारी आचार्य डॉक्टर प्रियंवदा वेद भारती, ब्रह्मचारिणी माधुरी आर्य, राजेन्द्र आर्य आदि मौजूद रहे।