अहंकार पतन का कारण बनता है-रामकथा प्रवक्ता पं० मनोज अवस्थी*
मानव जीवन सद्कर्मों के लिए मिला है इसे व्यर्थ न गंवाएं ईश्वर भक्ति में लगाएं*
*बिधूना,औरैया।* बिधूना कस्बे के मोहल्ला चंदरपुर के गमा देवी मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिवस शुक्रवार को औरैया के सुविख्यात भगवताचार्य एवं श्रीराम कथा प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने कहा कि अहंकार मनुष्य के पतन का प्रमुख कारण है। इसलिए अहंकार से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि माता-पिता गुरु व बुजुर्गों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए अपमान करने वालों के जीवन में कभी शांति नहीं आ सकती। उन्होंने कहा कि इस रावण का पद अहंकार से जुड़ा था जबकि अंगद का पद भगवान राम से जुड़ा था इसलिए रावण के दरबार में रावण को अंगद से अपमानित होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस कलयुग में श्री रामचरित मानस का पाठ भगवत चर्चा और ईश्वर के भजन कीर्तन मानव कल्याण के प्रमुख साधन हैं। मानस प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने कहा कि मनुष्य का जन्म बहुत बड़े पुण्यों के बाद प्राप्त हुआ है इसलिए इसे व्यर्थ नहीं गवांना चाहिए और जीवन के कल्याण के लिए ईश्वर भक्ति पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुंदरकांड और लंका कांड का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया। कथा के समापन पर आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर परीक्षित रविंद्र कुमार मिश्रा व गीता मिश्रा नगर पंचायत बिधूना के अध्यक्ष आदर्श मिश्रा व कार्यक्रम आयोजक मंडल के सदस्य राम लखन मिश्रा, रामबाबू मिश्रा, वीरेश्वर नाथ मिश्रा, सतीश मिश्रा, बृजेंद्र मिश्रा, जगदीश नारायण मिश्रा, सुधीर मिश्रा, कुलदीप मिश्रा, संदीप मिश्रा, राहुल मिश्रा, संतोष मिश्रा, आदि के साथ ही सुरेंद्र कुमार पांडे प्रबंधक विश्वेश्वर दयाल तिवारी, अंशु मिश्रा, अखिलेश कुमार शुक्ला, शिवकांत द्विवेदी, शिव कुमार अवस्थी, बच्चू मिश्रा, विनय तिवारी, छुन्नू तिवारी, अवधेश कुमार दुबे, भारत सिंह भदौरिया, जयसिंह पाल, अनिल दुबे, राजवर्धन दुबे, हरगोविंद सिंह सेंगर, नरेश भदौरिया, पप्पू कुशवाह, पंकज दुबे, उमेश, लक्ष्मीकांत, राकेश दुबे, श्रीप्रकाश अग्निहोत्री, पंकज तिवारी, संजय मिश्रा, गुड्डू श्रीवास्तव आदि तमाम प्रमुख लोगों के साथ ही व सैकड़ो की संख्यां में श्रोतागण मौजूद थे।