भरत जैसा कोई दूसरा साधु नहीं रामकथा प्रवक्ता-पं मनोज अवस्थी*
*जीवन को व्यर्थ ना गवाएं कल्याण के लिए ईश्वर भक्ति में लगाएं*
*बिधूना,औरैया।* बिधूना कस्बे के मोहल्ला चंदरपुर के गमा देवी मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिवस औरैया के सुविख्यात भगवताचार्य एवं श्रीराम कथा प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने कहा कि जीव का अस्तित्व परमात्मा से परे नहीं है जिस तरह से आकाश में बादल और बादल के गायब होने पर भी आकाश यथावत रहता है इसी तरह भगवान इस संसार से जुड़े हैं पृथ्वी पर लोगों की समाप्ति के बाद भी परमात्मा का अस्तित्व बना रहता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है इसलिए मनुष्य को भोग अपव्यय में अपना जीवन न गवांकर अपने अंदर स्थित परमात्मा की प्राप्ति में लगाना चाहिए। सात्विक आहार ग्रहण करने से मनुष्य में सदकर्म आते हैं साथ ही सभी को मन वचन और कर्म से संसारीजनों से सद व्यवहार करने के साथ ईश्वर की भक्ति में भी अपना समय लगाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मनुष्य योनी बहुत बड़े शुभ कर्मों के बाद प्राप्त होती है इसलिए इस जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री राम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है वहीं यह राम कथा सभी समस्याओं के समाधान की औषधि है। श्रीराम कथा प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने राम वन गमन व दशरथ मरण प्रसंग का भी मार्मिक वर्णन करते हुए श्रोताओं को भाव विरोध कर दिया। कथा के विश्राम पर आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर परीक्षित रविंद्र कुमार मिश्रा व गीता मिश्रा नगर पंचायत बिधूना के अध्यक्ष आदर्श मिश्रा व कार्यक्रम आयोजक मंडल के सदस्य राम लखन मिश्रा, रामबाबू मिश्रा, वीरेश्वर नाथ मिश्रा, सतीश मिश्रा, बृजेंद्र मिश्रा, जगदीश नारायण मिश्रा, सुधीर मिश्रा, कुलदीप मिश्रा, संदीप मिश्रा, राहुल मिश्रा, संतोष मिश्रा आदि के साथ ही सुरेंद्र कुमार पांडे, अखिलेश कुमार शुक्ला, शिवकांत द्विवेदी, शिव कुमार अवस्थी, बच्चू मिश्रा, विनय तिवारी, छुन्नू तिवारी, अवधेश कुमार दुबे, भारत सिंह भदौरिया, जयसिंह पाल, अनिल दुबे, राजवर्धन दुबे, हरगोविंद सिंह सेंगर, नरेश भदौरिया, पप्पू कुशवाह, पंकज दुबे, उमेश, लक्ष्मीकांत, राकेश दुबे, श्रीप्रकाश अग्निहोत्री, पंकज तिवारी, संजय मिश्रा, गुड्डू श्रीवास्तव आदि तमाम प्रमुख लोगों के साथ ही व सैकड़ो की संख्यां में श्रोतागण मौजूद थे।
रिपोर्ट उप संपादक विमल पाण्डेय टीबी इंडिया 18