श्रीमद् भागवत के दूसरे दिन भगवान के 24 अवतारों का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु*
*श्रीमद् भागवत के दूसरे दिन भगवान के 24 अवतारों का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु*
*बिधूना के नदी पुल पर चल रही भागवत कथा*
*बिधूना,औरैया।* नगर के बेला रोड स्थित नदी पुल पर सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का साप्ताहिक आयोजन हो रहा है। श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के दौरान पारीक्षित कृष्ण मुरारी पोरवाल, कंचन पोरवाल द्वारा सुबह गौ माता व श्रीमद् भागवत की पूजन अर्चना के साथ कथा का दूसरे दिन का प्रारंभ हुआ।
अयोध्या धाम से आए कथाचार्य ऋषीकेश्वर महाराज द्वारा कथा वाचन के दौरान भगवान की भक्ति के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।आचार्य के अनुसार भगवान के नाम के सिवाय हर चीज मिलावटी है। केवल भगवान के नाम मे मिलावट नहीं है। भगवान का नाम सदा शुद्ध है। इंसान को हर जगह धोखा हो सकता है। मगर राम, कृष्ण और शिव नाम मे कोई संशय नही है। जिस तरह औषधालय में औषधी मिलती है, वस्त्रालय में वस्त्र मिलते हैं। इसी तरह संसार दुखालय है जहां दुख ही मिलता है। इंसान को असली सुख राम नाम में ही मिल सकता है।सत्संग से मन शुद्ध होता है। सत्संग से बदल जाती है जीवन की धारा। उन्होंने कहा कि संतो का सत्संग करने यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें कोई बीमारी नहीं आएगी, हमारा परिवार खुशहाल रहेगा या फिर हमारा व्यापार अच्छा चल जाएगा, यह तो प्रारब्ध होता है। जो इस दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना ही है जब लाभ होता है तो हानि भी निश्चित होती है। सत्संग तो जीवन की धारा बदल देता है जिसमें आप ज्ञान और भक्ति की धारा में बहने लगते हैं, लेकिन यहां पर भी यदि कई बार लोग सत्संग करते हैं लेकिन उसका मूल नहीं समझ पाते, जिससे जीवन पर्यंत सत्संग करने के बाद भी अंत में उनको कुछ भी हासिल नहीं होता है। इस दौरान कृष्ण मुरारी पोरवाल, कंचन पोरवाल, लक्ष्मीनारायण पोरवाल, जयनारायण पोरवाल, गिरजा शंकर, सीताराम, श्यामजी, रामजी, साक्षी, रूबी, अंजली, राधा, सुनैना, शांता सहित सैकड़ों महिला व पुरुष श्रद्धालुजन मौजूद रहे।