सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या का जोरदार हुआ स्वागत
सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या का जोरदार हुआ स्वागत
मीरजापुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या का मीरजापुर के नरायनपुर में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी व पूर्व विधायक जगतम्बा सिंह पटेल के नेतृत्व में फूलमालाओं से लादकर जोरदार स्वागत किया गया।
इस मौके पर मीडिया से मुखातिब के दौरान स्पष्ट किया है कि उनका रामचरित मानस का विरोध नहीं है, केवल उसकी एक चैपाई का है। यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। यह बयान मीरजापुर से सोनभद्र जाते समय श्री मौर्या ने रविवार को नरायनपुर में यह बयान दिया है।
उन्होने मीडियां से बातचीत में कहा कि किसी को भी वर्ग विशेष पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। कहा कि यदि किसी धर्म के हम प्रशंसक या अनुवायी है तो कमियां मिलने पर समीक्षा करने का भी हक होना चाहिए। जिस चैपाई को लेकर विरोध किया है। भले ही उसकी अलग-अलग व्याख्या की जाए, लेकिन विरोध जारी रहेगा। स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक सवाल के जबाव मे ंकहा कि सनातन कोई धर्म नही, बल्कि एक प्राचीन व्यवस्था है। उन्होने इस्लाम का मूल भारत में होने की बात कर कहा कि यह उनके धर्मावलम्बियों का काम है कि वह जाने।
उन्होने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ महमूद मदनी के समर्थन में बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मार्य ने मदनी के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि देश में सबसे पहले बौद्ध धर्म आया और उसके बाद ईसाई धर्म तथा फिर इस्लाम धर्म आया और फिर बाकी धर्म पैदा हुए।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, जो सबसे पुराना धर्म है वही सनातन धर्म है। जो ऐतिहासिक साक्ष्य अब तक आए हैं, ईसा से 250 साल पहले भगवान बुद्ध का धर्म आया, उसके बाद ईसाई धर्म आया, ईस्लाम धर्म आया तथा उसके बाद तमाम धर्म और पंथ पैदा होते गए।
स्वागत करने वालो में रविप्रकाश त्रिपाठी, घनश्याम विश्वकर्मा, सुशील यादव, पवन श्रीवास्तव, संजय यादव, दामोदर मौर्या, राजनरायन निराला, बजरंगी कुशवाहा, लालता बियार, सुनील सिंह पटेल, नरेन्द्र मौर्या, सदानन्द यादव, राणा प्रताप सिंह, विजय यादव, वन्दना पटेल, राजेन्द्र सोनकर, पकज पटेल, रविन्द्र बहादुर सिंह पटेल, उमेश यादव, अरूण पटेल आदि सैकड़ों लोग शामिल थे।
वर्षा पाठक की खा़स रिपोर्ट