अलीगढ आर एम डेरी की बहुत बडी लापरवाही सामने आ रही है आर एम डेरी से निकली केमिकल वाली राख सड़क किनारे फेंकी सांस के जरिये फेंफड़ों में जा रही आंखों में कर रही जलन
जिला अलीगढ़ के गौडा क्षेत्र के गांव सलेमपुर पर स्थित आर एम डेरी फैक्ट्री प्रबंधक की लापरवाही से फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त हानिकारक अपशिष्ट (राख) सलेमपुर से लेकर कुआ गांव तक सड़क के किनारे डाल दी गई है। यह अपशिष्ट या तो गंदगी के माध्यम से नालियों में या फिर हवा में उड़कर लोगों को सांस की बीमारी कर रही है।
गौंडा क्षेत्र गांव सलेमपुर में संचालित दूध की फैक्ट्री में ठोस अपशिष्ठ के रूप में राख निकलती है। नियमानुसार कंपनी प्रबंधन को इस केमिकल युक्त राख को जमीन में दबाने का निर्देश है ताकि यह उड़कर लोगों की सांस में न जाए लेकिन यह राख सड़क किनारे डाल दी गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि आर एम डेरी से अपशिष्ट के रूप में जो राख निकलती है, उसे जमीन में दबाने की बजाय ठेकेदार के कर्मचारी ट्रैक्टर ट्राली में भरकर सड़क के किनारे डाल जाते हैं। जब इस सड़क से तेज गति से वाहन गुजरते हैं तो सडक के किनारे पड़ी यह राख धूल की तरह उड़ती है।
राख के कारण आसपास रहने वालों के फेफड़ों और आंखों में हो रही परेशानी
सड़क किनारे पड़ी राख आसपास रहने वाले लोगों को सांस के माध्यम से यह शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों की बीमारी बनाती है। साथ ही आंखों में जाने पर जलन पैदा करती है जिससे आंखें खराब होने का भय बना रहता है। स्थानीय निवासी राजा चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री से निकली राख सड़कों के आसपास पड़ी रहती है। ट्राली वाले आते हैं और अपनी मनमानी से सड़क के किनारे राख को खला जाते हैं। यह उड़कर लोगों के फेफड़ों में जाती है।
बलकन नगरिया गांव के कन्हैया लाल ने बताया कि हानिकारक राख से लोग बीमार हो रहे हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के अनुसार फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता। ऐसे कचरे को गड्ढा खोदकर जमीन में दबाने का नियम है। ऐसा कचरा नष्ट करने के लिए कंपनियां ठेका देती हैं। ठेकेदार के कर्मचारी हानिकारक अपशिष्ट को वाहनों से दूर ले जाते हैं और उसे जमीन में दफन करते हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि लेकिन दूध की फैक्ट्री का कचरा सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है जो लोगों की सेहत खराब कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का निर्देश है कि कोई भी कंपनी रासायनिक कचरा खुले में नहीं डाल सकती। ग्रामीणों ने राख के ऊपर मिट्टी डलबाने की मांग की है।
सचिन कुमार ब्यूरो चीफ अलीगढ