छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवगठित जिला सक्ती का शुभारंभ करते हुए जिले को 1 अरब 53 करोड़ 6 लाख रुपए के 309 विभिन्न विकास कार्यों का सौगात दी है
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवगठित जिला सक्ती का शुभारंभ करते हुए जिले को 1 अरब 53 करोड़ 6 लाख रुपए के 309 विभिन्न विकास कार्यों का सौगात दी है। इसमें 85 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से 296 कार्यों का भूमिपूजन और 67 करोड़ 85 लाख 99 हजार रुपए की लागत से बनने वाले 13 कार्यों का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों हुआ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक नवंबर तक राजीव गांधी किसान न्याय योजना की अगली किस्त भी किसानों को देंगे।
जिससे किसानों की दिवाली खुशहाल भरी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले खरीफ सीजन में 2500 की जगह 2800 सौ रुपए तक धान खरीदेंगे। उनकी इस घोषणा से किसानों के चेहरे खिल उठे और जमकर तालियां भी बजी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बाड़ी की न केवल प्रदेश में सराहना हो रही बल्कि देश में भी तारीफ हो रही है। इस अवसर पर सांसद कोरबा ज्योत्सना महंत, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुनर्वास, वाणिज्यिक कर और जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल, गृह जेल लोक निर्माण पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ ग्रामीण एवं पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण और विधायक चंद्रपुर रामकुमार यादव अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गो सेवा आयोग राजेश्री डॉ महंत रामसुन्दर दास,पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्योति किशन कश्यप अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य शाकंभरी बोर्ड रामकुमार पटेल, जैजैपुर विधायक केशव चंद्रा समेत अन्य जनप्रतिनिधी उपस्थित रहे।
पिछले खरीफ सीजन में 15 हजार 435 किसानों को मिला मुआवजा
बीमा कराने वाले किसानों की संख्या और मुआवजा मिलने वाले किसानों की संख्या में काफी अधिक अंतर रहता है। खरीफ सीजन 2021-22 में 41 हजार 225 किसानों ने अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए फसल बीमा कराया जबकि मुआवजा 15 हजार 435 किसानों को मिला। क्योंकि इतने ही किसानों की फसल नुकसान हुई और मुआवजा मिला। नियम के तहत यही सही है लेकिन ऐसे में बाकी किसानों को यह लग रहा है कि बीमा का पैसा ऐसे ही चला गया। यही वजह है कि किसानों की रुचि घट रही है। कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि हालांकि फसल बीमा योजना किसानों के लिए उक्त समय काफी मददगार साबित होती है जब किसी आपदा के लिए फसल नुकसान हो जाता है। ऐसे में बीमा कंपनी किसानों को मुआवजा देगी। अगर बीमा नहीं होगा तो कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। मगर किसान तात्कालिक लाभ-फायदे को देखते हैं।
बीमा कराने वाले किसानों की संख्या हर साल घट रही, समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसान बढ़ रहे पंजीकृत किसान 2 लाख, बीमा कराया सिर्फ 25 प्रतिशत ने
जिले में एक ओर जहां हर साल किसानों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर फसल बीमा कराने वाले किसान घट रहे हैं जबकि अगर किसान बढ़ रहे हैं तो बीमा कराने वाले किसानों की संख्या भी बढ़नी चाहिए। मगर हो इसका उल्टा रहा है।
धान बेचने वाले बढ़ रहे, बीमा कराने वाले कम हुए
खरीफ सीजन 2020-21 में धान बेचने के लिए 1 लाख 73 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था जबकि खरीफ सीजन 2020-21 फसल बीमा 57 हजार 179 किसानों ने ही कराया। इसी तरह खरीफ सीजन 2021-22 में धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 1 लाख 99 हजार 884 पहुंच गई जबकि खरीफ सीजन 2021-22 में ही फसल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या घटकर 41 हजार 225 हो गई। वर्तमान खरीफ सीजन 2022-23 के लिए फसल बीमा कराने की संख्या 15 अगस्त अंतिम तिथि थी जिसमें 37 हजार 578 किसानों ने ही फसल बीमा कराया है। यानी इस साल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या और कम हो गई।
TV इंडिया 18 जिला ब्यूरो चीफ मेलाराम कश्यप की खास रिपोर्ट