कार गैराज में दिखा रेड सेंड बोआ सर्प,सर्पमित्र ने किया 10 सेकेण्ड में रेस्क्यूरेड सेंड बोआ सर्प एक संरक्षित प्रजाति का सर्प है- सर्पमित्र डॉ आशीष
इटावा। शहर के बीच बाजार में 75 रामगंज में एक कार गैराज में मकान मालिक व पूर्व पत्रकार अनंत पालीवाल को रेड सेंड बोआ एक कोने में बैठा दिखाई दिया । जिसकी सूचना उन्होंने वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष को दी। डॉ आशीष ने बड़ी सरलता से उसे 10 सेकेंड में ही सुरक्षित पकड़कर उसके प्राकृत वास में ले जाकर छोड़ दिया। इससे पूर्व भी जनपद में कई जगह पकड़ा व देखा गया है रेड सेंड बोआ (एरिक्स जॉनी) सर्प। मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया यूपी के कोर्डिनेटर, संस्था (ओशन) ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजरवेशन ऑफ इनवायरमेंट एंड नेचर के महासचिव वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने जानकारी देते हुये बताया कि,दोमुहीं के नाम से मशहूर यह एक बेहद ही सीधा व शर्मिला सा विषहीन सर्प है जो चूहे व छिपकली खाता है इसका जन्तु वैज्ञानिक नाम एरिक्स जॉनी है जिसे सामान्य भाषा मे कुचलेड भी कहते है (जिसके वास्तव में आजीवन एक तरफ ही मुँह होता है) यह भारतीय रेड सेंड बोआ,ब्राउन सेंड बोआ,जोंस सेंड बोआ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी विदेशों में तस्करी अवश्य होती होगी क्यों कि वहां के लोग मांसाहारी प्रकृति के है लेकिन जनपद इटावा में आजतक कोई भी ऐसी सूचना वन विभाग को प्राप्त नही हुई। जिसमे सांपो के तस्कर इटावा से जुड़े हों। नाग पंचमी के इस देश में तो इसे लक्ष्मी स्वरूप मानकर पूजा भी जाता है। दीपावली पर इसके दर्शन बेहद ही शुभ माने जाते है। देखा जाये तो हिन्दू धर्म मे पितृ पक्ष में सर्पों को पूर्वज व पुरखे भी माना गया है। अब फिलहाल इसे दुर्लभ सर्प इसलिये भी नही कहा जा सकता क्यों कि जनपद में इनकी उपस्थिति भी अच्छी देखी गई है। वहीं संस्था ओशन के द्वारा चलाये जा रहे सर्प दंश जागरूकता अभियान का ही बड़ा असर हुआ है कि, जनपद इटावा की जनता अब लगभग सभी सर्पों को पहचानना सीख गई है। कभी भी सर्प दिखाई देने पर अब लोग स्वयं ही बता देते है कि उनके घर मे कौन सा सर्प निकला है व उसे मारते नही है। डॉ आशीष ने बताया कि, कभी भी इस दो मुहीं सर्प के घर मे दिखाई देने पर इससे घबराएं नही बल्कि दूर से ही इसे प्रणाम कर इस लक्ष्मी स्वरूप सर्प का आशीर्वाद अवश्य लें। एक बड़ा वैज्ञानिक सत्य यह भी है कि, दोमुहीं सर्प के आजीवन एक ही मुँह होता है वह जीवन भर एक तरफ से ही चलती है। वही दूसरी तरफ समाज मे एक असत्य बात यह भी प्रचलित है कि, इस दोमुहीं सर्प के दो मुँह होते है वह सिर व पूंछ दोनो तरफ से 6-6 महीने चलती है।
जिला ब्यूरो चीफ इटावा से नन्द किशोर शाक्य