निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा सर्वप्रथम भारतीय जन औषधि केन्द्र का निरीक्षण किया गया। उन्होंने दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी ली जिस पर बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध है। उन्होंने औषधि केन्द्र के बाहर बैठी महिला मरीज से पूछा कि दवाइयां बाहर से तो नहीं लेनी पडती है जिस पर महिला द्वारा बताया गया कि दवाइयां उपलब्ध हो जाती हैं। उन्होंने जिला चिकित्सालय के महिला ओ0पी0डी0 वार्ड का निरीक्षण कर वार्ड में भर्ती महिलाआंे से दवाये, डाक्टर आदि के बारे में जानकारी ली। वार्ड में भर्ती महिलाओं/उनके परिजनों द्वारा बताया गया कि दवाये अस्पताल से उपलब्ध करायी जा रही है कोई परेशानी नही है। उन्होंने डायट रजिस्टर, 102, 108 एम्बुलेन्स रजिस्टर, डिस्चार्ज रजिस्टर, लेवर रूम, स्टॉक रजिस्टर आदि का गहन निरीक्षण किया जिसमें निर्देश दिये गये कि दवाइयों के स्टॉक रजिस्टर को प्रतिदिन क्रास चैक कर लें जिससे यह पता चलता रहे कि कुल स्टॉक कितना बचा है।
सचिव द्वारा शल्य चिकित्सा की डा0 पीयूष तिवारी से जानकारी ली गयी तथा जिसमें रात को इमरजेन्सी के लिए फोन व्यवस्था ठीक कराने आदि के निर्देश दिये गये। उन्होंने कुपोषित बच्चों के इलाज के सम्बन्ध में जानकारी ली जिस पर चिकित्साधीक्षक महिला डा0 कजली गुप्ता को बैड की संख्या को बढाया जाने के निर्देश दिये गये। अल्ट्रासाउण्ड के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कक्ष के बाहर काफी भीड़ जमा थी तथा कुछ मरीजों और उनके परिजनों ने शिकायत की कि लगातार 04 दिनों से चक्कर लगाने पड़ रहे है, जिस पर सचिव द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये गये कि टोकन व्यवस्था लागू करें जिससे मरीजों को पता चल सके कि उनका नम्बर कब आयेगा। उन्होंने अल्ट्रासाउण्ड कक्ष समय से खोले जाने के भी निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अवनीश राय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी सन्तोष कुमार राय, नगर मजिस्टेªट राजेन्द्र प्रसाद, उप जिलाधिकारी सदर राजेश वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विकास अधिकारी दीन दयाल सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
रिपोर्टर विनीत कुमार