जिला अलीगढ के ब्लाक गोंडा में पवन धर्म काटे के सामने खैर रोड पर सोनजैक कंप्यूटर सेन्टर पर उमेश तिवारी जी ने बड़े हे उत्साह पूर्वक झंडा फहराया उसके बाद उमेश तिवारी जी बताया कि आज हम यहाँ पर अपने देश का 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के उपलक्ष में एकत्रित हुए है। सबसे पहले मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ/देती हूँ। 15 अगस्त भारतवर्ष का राष्ट्रीय पर्व है। भारत देश वर्ष 1857- वर्ष 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम लड़ने के पश्चात ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त वर्ष 1947 को मुक्त हुआ और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। तभी से भारतवासी इस दिन को “स्वतंत्रता दिवस” के रूप में बहुत सी धूम-धाम और हर्षोउल्लास से मनाते है।आओ झुककर सलाम करें उन्हें, जिनकी जिंदगी में मुकाम आया है, किस कदर खुशनसीब है वो लोग, जिनका लहू भारत के काम आया है !!
स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत तब से हुई जब मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी को ब्रिटिश शासन के अंग्रेज अधिकारी ने गोली मारी थी। तभी से सम्पूर्ण भारत देशवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई। हमे और हमारे देश को ब्रिटिशों से यह आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली है। देश की आजादी पाने के लिए बहुत से क्रांतिकारी सेनानियों ने बलिदान दिया जैसे कि- महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लोक मान्य तिलक, लाला लाजपत राय और खुदीराम बोस आदि। आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया और कई बार तो उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। क्योकि उनका एकमात्र लक्ष्य भारत देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाना था और काफी अत्याचार सहने और संघर्ष करने के पश्चात फलस्वरूप वे सफल भी हुए। स्वतंत्रता सेनानिओं के लिए कुछ लाइनें कहना चाहुँगी/चाहुँगा –
नमन है उन वीरों को जिन्होंने इस देश को बचाया, गुलामी की मजबूत बेड़ियों को, अपने बलिदान के रक्त से पिघलाया, और भारत माँ को आजाद है कराया।