सावधान! बरसात में बाहर रखे जूते मौजे देखकर ही पहने- सर्पमित्र डॉ आशीष
सावधानी ही बचाव है, और सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटीवेनम ही है।
इटावा। पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर (ओशन) के महासचिव, नगर पालिका परिषद इटावा के स्वच्छता, पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने जनपद के सभी लोगों से अपील करते हुये कहा है कि,एक बहुत बड़ा सच यह भी है कि, पूरे भारत मे सर्पदंश से लगभग 50,000 लोग प्रत्येक वर्ष मर जाते है जिनमे से ज्यादातर लोग सही समय से सही इलाज न मिलने से व अज्ञात भय से या अत्यधिक घबराहट ही मरते है है और सबसे ज्यादा सर्पदंश से मौत उत्तर प्रदेश में ही देखी गई है। अतः कृपया बरसात के इस मौसम में वेहद ही सावधान रहें। घर के बैडरूम के बाहर रखे जूते मौजे देखकर ही पहने व यदि आप जमीन पर लेटते है तो लेटने से पहले अपना बिस्तर भी एक बार झाड़कर चैक अवश्य कर लें क्यों कि, अक्सर शाम को निकलने वाला बेहद जहरीला सर्प करैत (कोडिया गढ़ा) को ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में बिस्तर में देर रात्रि में बैठे देखा जा चुका है। वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है लकिन यदि आपको कभी कोई साँप काट ले ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी घबराना नही है क्यों कि, अब जिला अस्पताल इटावा के इमरजेंसी वार्ड में कोबरा करैत सहित सभी प्रकार के सर्पदंश का इलाज मौजूद है। साथ मे यह भी जान लीजिये कि, हमारे आपके आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के छोटे बड़े सर्प जहरीले भी नही होते है। हर एक साँप के काटने पर एंटीवेनम नही लगाया जाता है। बस इस समय कोबरा करैत रसल वाइपर से ही सावधान रहें जो की जनपद इटावा में मौजूद है। वैसे सभी सर्प किसान मित्र ही होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। अतः हमे उन्हें देखते ही मारने के लिए भागना भी नहीं चाहिये। उन्हें भी जीने का पूरा हक है।