प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत मिशन का सपना दिखाई पड़ रहा अधूरा।
प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत मिशन का सपना दिखाई पड़ रहा अधूरा
करोड़ों खर्च फिर भी खुले में जा रहे शौच
बाराबंकी जनपद में स्वच्छ भारत मिशन के तहत पिछले 5 सालों की बात की जाए तो 500 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च कर चार लाख चौविस हजार व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया गया
वही सामुदायिक शौचालय के निर्माण में भी एक करोड़ से अधिक खर्च किए गए
इसके बावजूद भी लोग खुले में शौच करने पर मजबूर
खूब हुआ सरकारी धन का बंदरबांट
सामुदायिक शौचालय बनाने का मकसद भी नहीं हुआ पूरा
बाराबंकी जनपद की तहसील सिरौलीगौसपुर में बना सामुदायिक शौचालय
समा गया भ्रष्टाचार के मुंह में
सिरौलीगौसपुर तहसील के अधिवक्ताओं के द्वारा कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन
जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियां निभाने से कर दिए इनकार
नहीं सुनी गई अधिवक्ताओं की
- यदि सिरौलीगौसपुर तहसील की सफाई व्यवस्था की बात की जाए
तो सफाई व्यवस्था अजीबो गरीब है
इतनी दयनीय सफाई व्यवस्था है जिसको बयां नहीं किया जा सकता
बड़ी-बड़ी घास के बीज बने हैं अधिवक्ताओं की चेंबर
जबकि तहसील में हमेशा उच्च अधिकारी से लेकर कर्मचारियों का आवागमन रहता है
इतना ही नहीं उप जिला अधिकारी सिरौलीगौसपुर भी इस पर ध्यान नहीं दे रही
जब हमारे द्वारा अधिवक्ताओं से बातचीत की गई तो अधिवक्ताओं ने बताया कि इस समस्या को लेकर उप जिलाधिकारी जी को कई बार अवगत कराया गया
लेकिन उप जिला अधिकारी सिरौलीगौसपुर इस पर कोई ध्यान नहीं दिया
सवाल तो यह उठता है कि जहां एक तरफ देश के मुखिया व प्रदेश के मुखिया भरसक प्रयास करके स्वच्छता अभियान को साकार करने का प्रयास करती करोड़ों रुपए इस पर खर्च होता है फिर भी सफाई व्यवस्था ध्वस्त जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियां निभाने से आखिर क्यों कर रहे इनकारं
सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है की स्वच्छता अभियान के ऊपर खर्च होने वाले करोड़ों रुपए कहां खर्च किए जाते हैं
हालांकि देखने वाली बात तो यह होगी
कि इस विषय को लेकर क्या प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ क्या कार्यवाही करेंगे
और बाराबंकी जनपद के तेजतर्रार डीएम आदर्श सिंह सिरौलीगौसपुर उप जिला अधिकारी प्रिया सिंह क्या कार्रवाई करेंगी