ग्राम प्रधान का काम क्या होता है? गांव के विकास के लिए प्रधान को हर साल कितना फंड मिलता है?
ग्राम प्रधान का काम क्या होता है?
ग्राम प्रधान का मुख्य कार्य गांव का विकास करना होता है। इसमें सड़कों का निर्माण, नाली की व्यवस्था। ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था। पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था और किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था।
कब्रिस्तान की चारदीवारी का निर्माण
नालियों की साफ-सफाई का काम। पंचायत में अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोगों के लिए अंतिम संस्कार के लिए जगह और कब्रिस्तान की देख-रेख का काम। ग्राम प्रधान को ही कब्रिस्तान की चारदीवारी का निर्माण भी कराना होता है।
एक से लेकर 8वीं कक्षा तक बच्चों की शिक्षा की निशुल्क व्यवस्था करना
प्रधान की ही जिम्मेदारी होती है कि वह ग्राम पंचायत में जन्म, मृत्यु और विवाह आदि का रिकॉर्ड रखे। इस रिकॉर्ड से जनगणना जैसे कामों में मदद मिलती है। शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर 8वीं कक्षा तक बच्चों की शिक्षा की निशुल्क व्यवस्था करना। बच्चों के लिए खेल का मैदान बनाना।
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को गांवों में लागू कराना
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कामकाज को देखना। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी होती है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को गांवों में लागू कराना भी ग्राम प्रधान का काम है।
गांव के विकास के लिए हर साल कितना मिलता है फंड?
गांव के विकास के लिए एक समान बजट नहीं मिलता है, बल्कि क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से बजट तय किया जाता है। कम क्षेत्रफल और कम आबादी वाले गांव को बजट भी कम मिलता है। जानकार बताते हैं कि कम आबादी वाले छोटे गांवों को दो से तीन लाख का बजट एक साल में पास होता है, यह पांच लाख तक हो सकता है। वहीं, ज्यादा आबादी वाले बड़े गांवों को हर साल 10 से 15 लाख तक का बजट पास हो सकता है।
प्रयागराज से उतर प्रदेश ब्यूरो हेड हिमांशु तिवारी की खास रिपोर्ट