*सत्यधाम पर हुआ संतो का जमावड़ा, जुटे हजारों श्रद्धालु
जनपद कोइरीपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिंहौली स्थित सत्यधाम आश्रम में संत समागम ज्ञानाध्यात्म यज्ञ एव विशाल भंडारा कार्यक्रम में सत्यधाम आश्रम के गद्दीधीश सत्याचार्य देवेंद्र कविराजदेव जी महाराज द्वारा मेधावियों, समाजसेवियों, साहित्यकारों का सम्मान किया गया। तथा आश्रम की पत्रिका शब्द सार का भव्य विमोचन भी किया गया। सन्त समागम में सन्तो का जमावड़ा हुआ। दो दिन से चल रहे सत्संग में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। सत्यधाम आश्रम द्वारा विभिन्न क्षेत्र में प्रतिभा के धनी मेधावियों का चयन निष्पक्ष भाव से किया गया तथा उन्हें सम्मानित किया गया।
सत्याचार्य देवेंद्र कविराजदेव ने कहा कि मानव के उच्चतम संभावनाओं का विकास, अध्यात्म ज्ञान संचार तथा सेवा समता कल्याण ही सत्यधाम का मूल उद्देश्य है। सत्संग में संत उत्तम सिंह साहिब, संत शत्रुघ्न सिंह साहिब, संत निर्मल जी, संत लक्ष्मणदास जी, संत निर्मोही दास आदि संतो ने भजन सत्संग, प्रवचन से लोगों को अभिसिंचित किया। सामाजिक संगोष्ठियों, जागरूकता अभियान में साहित्यिक, शिक्षा चिकित्सा एवं अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोग, पत्रकारिता, गायन इत्यादि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एव सराहनीय कार्य के करने वाले विभूतियों का अंगवस्त्रम, स्मृतिचिन्ह तथा प्रशस्ति -पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। सामाजिक सेवा के क्षेत्र में रक्तदान, लावारिश मरीजो, असहायों निर्बल वर्ग के लोगो के सहयोग में सदैव कार्य करने पर समाजसेवी निज़ाम खान का सम्मान हुआ। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में समाज शेखर, गायन के क्षेत्र में मुंबई की पार्श्व गायिका इरम फातमा जन्नत, कवयित्री प्रज्ञा तिवारी, कवयित्री व अभिनेत्री ज्योति त्रिपाठी मुंबई, वरिष्ठ साहित्यकार राममूर्ति सिंह ‘सौरभ’, हर्षिता अग्रहरि सुलतानपुर, जिकरा तनवीर आदि लोगो का संम्मान हुआ। इस मौके पर पूर्व विधायक अनूप संडा, लम्भुआ विधायक प्रतिनिधि एवं पूर्व प्रमुख विनोद मिश्र, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष दिलीप पाण्डेय, उपाध्यक्ष विनोद यादव, कैलाश नाथ सिंह, प्रेमा बुआ, डा. राजकरन, डा. आफताब जौनपुरी, विनोद मौर्य, पूर्णेन्दु पाण्डेय, राकेश मणि पाण्डेय, चंद्रभानदेव, रंजीत, विवेक, विपिन कुमार, चंद्रमणि मौर्य, रणविजय सिंह, संगीता मौर्या, मनीष जायसवाल, महेश अग्रहरि, राजकुमारी, शिव प्रसाद, सौरभ मौर्य, आदि लोग मौजूद रहे।