सड़क हादसे में हुईं दर्दनाक मौत
सड़क हादसे में हुईं दर्दनाक मौत
गाजीपुर – सादात सैदपुर मुख्य मार्ग पर अमरहिया से आगे महेन्द्र राय के मड़ई के पास सादात की ओर जा रहे बाइक सवार पति पत्नी की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई । प्राप्त जानकारी के अनुसार सवास निवासी सुनील गौड़ पुत्र रामवचन उम्र 31 वर्ष दोपहर 2 बजे अपनी पत्नी सुनीता 30 वर्ष को दवा दिलवाने के लिए सादात जा रहा था । वह अमरहिया के पास पहुंचा ही था कि सादात से सैदपुर जा रहे हैं वाहन की चपेट में आ गया जिससे पति पत्नी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी । प्राप्त जानकारी के अनुसार सवास गांव निवासी सुनील गोंड़ 31 वर्ष पुत्र स्व. रामवचन गोंड़ अपनी पत्नी सुनीता 30 वर्ष को डिस्कवर यूपी 61 वी 7056 मोटरसाइकिल से लेकर दोपहर में 2 बजे के लगभग सादात दवा दिलाने जा रहा था। उसी दौरान ग्राम शिशुआपार के पास सामने से आ रहे वाहन की टक्कर से बाइक सवार पति पत्नी सड़क पर आ गिरे और सिर में गम्भीर चोट लगने और तीव्र रक्तस्राव के कारण मौके पर ही दोनों की मौत हो गयी। मृतक सुनील के साढ़ू माहपुर नगवां निवासी विनोद गौड़ ने बताया कि सुनील के साथ ही आज हमें मुम्बई जाना था, इसलिए हम उन्हें लेने के लिए दोपहर में उनके गांव सवास आए थे। सुनील ने हमारी बाइक मांगा और कहा कि हम अपनी पत्नी को दवा दिलाने जा रहे हैं, इंजक्शन लगवा कर आ रहे हैं तो हम लोग चलते हैं। इसके बाद वह बाइक लेकर दवा दिलाने गये थे कि इसी दरम्यान यह हादसा हो गया।घटना की सूचना मिलते ही थाना सादात के उपनिरीक्षक महेंद्र यादव व राजेश गिरी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों शव को सड़क से हटाकर, कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेंज दिया।
पुलिस ने मृतक की मां सुखिया देवी से मिली तहरीर के आधार पर मौके से ट्रक को कब्जे में लेते हुए अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मृतक के चाचा रामबचन गौड़ ने बताया कि मृतक के पिता की मृत्यु काफी दिन पहले मुंबई में हो गई थी और सुनील ही पूरे परिवार का कर्ता धर्ता था। वही अपनी मां और अपने भाई के साथ परिवार को देखभाल करता था। सड़क हादसे में मां बाप गंवाने वाले पुत्र सूरज 10 वर्ष, सनी 8वर्ष और शिवानी 5वर्ष अनाथ हो गए। पति पत्नी की एक साथ मृत्यु होने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। परिवार में बेटी और बहू के गम में मां के साथ बच्चों का रो रो कर बुरा हाल रहा।
जिला गाजीपुर से ब्यूरो चीफ राम दरस विश्वकर्मा की रिपोर्ट