उत्तर प्रदेश बांदा (Banda) जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 113,000 से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के
उत्तर प्रदेश बांदा (Banda) जिले में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 113,000 से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए फसली ऋण दिए जाने का दावा कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किया गया है. लेकिन इस दावे के मुताबिक कृषि ऋण देने का टार्गेट पूरा नहीं हो सका है. वित्तीय वर्ष पूरा होने में अब सिर्फ 9 दिन का बचे हैं, लेकिन करीब 900 किसानों को अभी भी फसली ऋण का इंतजार है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले को 114,513 किसानों को फसली ऋण देने का टार्गेट मिला था.
बांदा जनपद के एलडीएम ने बताया कि 113,000 से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. हमने कोशिश करके 99.21 फीसदी केसीसी किसानों को दे दिया है. बता दें कि किसान अपनी जमीन के एवज में ऋण लेता है. छह महीने तक इस रकम पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगता है. लेकिन उसके बाद इस पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है. ऐसे में करीब 900 किसान हैं जिन्हें अभी भी किसान क्रेडिट कार्ड का इंतजार है. उन्हें उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष खत्म होने के 9 दिनों में उन्हें ऋण मिल जाएगा. विभागीय जानकारी के मुताबिक 15 मार्च तक टार्गेट का 99 प्रतिशत केसीसी कार्ड जारी कर दिया गया है. अभी सिर्फ एक फीसदी बचा है.
एलडीएम ने बताया कि यदि किसान समय से किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा वापस नहीं कर पाता तो उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड में किसान को समय से लोन वापस कर देना चाहिए. क्योंकि बैंक किसान को 6 महीने फसल के लिए रकम उधार देता है. कम ब्याज में यदि मूलधन वापस नहीं किया तो उसमें ब्याज बढ़ता जाता है.
Tv इंडिया 18 को बताया की
यदि किसान समय से बैंक का पैसा वापस नहीं करता तो बैंक उसे नोटिस भेजता है. अभी भी जिले के लगभग 55,000 किसानों को नोटिस दी जा चुकी है. इन किसानों से केसीसी रिन्यूअल कराने को कहा गया है, यानी उनसे कहा गया है कि वह पैसा वापस अकाउंट में डाल दें. इसके बावजूद भी अगर पैसा नहीं मिलता तो बैंक उन्हें नोटिस सर्व करेगा. बैंक कोशिश करेगा कि किसान के साथ बातचीत कर बीच का रास्ता निकाला जाए. इसके बावजूद भी अगर कोई पैसा नहीं लौटा पाता तो अंत में बैंक जमीन की नीलामी करता है और उसके जरिए अपने पैसे की रिकवरी करता है.