November 19, 2024

नंदी के पहल पर अब पीवीआर में लोग देख सकेंगे कश्मीर फाइल्स के ग्यारह शो

 

अभी तक तीन शो में ही दिखाई जा रही थी कश्मीर फाइल्स

कश्मीर फाइल्स वह फिल्म है, जिसमें कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की हकीकत को दिखाया गया है

90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की हकीकत को बयां करती फिल्म कश्मीर फाइल्स प्रयागराज के पीवीआर सिनेमा हॉल में अभी तक जहां तीन शो में दिखाई जा रही थी, वहीं कैबिनेट मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के पहल पर अब 11 शो में दिखाई जाएगी। मंत्री नन्दी ने पीवीआर प्रबंधन से वार्ता किया कि जिस तरह से लोग कश्मीर फाइल्स के जरिये कश्मीरी पंडितों के साथ हुए उत्पीड़न के हकीकत को जानना चाहते हैं, उसके लिए शो की संख्या कम है। लोगों ने मंत्री नन्दी को यह जानकारी दी थी। जिस पर मंत्री नन्दी ने पीवीआर प्रबंधन से सभी शो में कश्मीर फाइल्स चलाने का अनुरोध किया। मंत्री नन्दी के पहल पर पीवीआर प्रबंधन ने अपने चारों ऑडी में सुबह से लेकर देर रात तक कश्मीर फाइल्स के 11 शो चलाने का निर्णय लिया है। जिसकी शुरूआत मंगलवार से ही कर दी गई।

मंत्री नन्दी नन्दी ने कहा कि जिस कश्मीर में कश्मीरी पंडित हजारों साल से रहते आ रहे थे, जो कभी कश्यप ऋषि की भूमि थी, जहां दरिया हैं, पहाड़ हैं, कुदरत की नक्काशी है, उसी कश्मीर में सामूहिक चिताएं जली थीं. 90 का दशक कश्मीर में बर्बरता का वो दौर लेकर आया, जिसे आज से पहले ना देखा गया, ना सुना गया. कश्मीरी पंडितों को मारा गया. बेटियों के साथ बलात्कार हुए.

मंत्री नन्दी ने कहा कि कश्मीर में हुए अत्याचार की वजह से ही कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर दर दर भटकना पड़ा. तीन दशक बाद एक फिल्म सामने आई है ‘कश्मीर फाइल्स’ जिसने इस दर्द को फिर से न सिर्फ कुरेदा है, बल्कि कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की हकीकत को दुनिया के सामने लाकर रख दिया है। जिससे देखने के बाद लोगों को पता चल रहा है कि उस भयानक दौर में किस तरह आतंकवादियों और कट्टरपंथियों ने मिलकर 20 हजार कश्मीरी पंडितों के घरों को फूंक दिया था. कश्मीर में 105 स्कूल कॉलेज और 103 मंदिरों को तोड़ दिया गया था.

 

*मंत्री नन्दी ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया*

“द कश्मीर फाइल्स” को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने पर मंत्री नन्दी ने माननीय मुख्यमंत्री जी का हार्दिक आभार व्यक्त किया है।

कहा कि इस फिल्म के माध्यम से कश्मीरी पंडितों की अनकही त्रासदी और वेदना देश-दुनिया के सामने आई है! धारा 370 की समाप्ति वास्तव में उन गहरे घावों पर मरहम लगाने का निर्णय था और यह निर्णय किसलिये अनिवार्य था? यह फिल्म देखकर लोग महसूस करेंगे! माननीय प्रधानमंत्री जी को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए पुनः धन्यवाद! फिल्म के निर्देशक और कलाकारों को फिल्म की सफलता के लिए बहुत बधाई!

 

उत्तर प्रदेश ब्यूरो हेड हिमांशु तिवारी की खास रिपोर्ट

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