April 18, 2025

*दहेज हत्या के दोषी पति को 09 वर्ष का कारावास*

*- 15 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया,आधा दर्जन परिजन दोष मुक्त हुए*

*- फफूंद थाना क्षेत्र के ग्राम नवादा ममरेजपुर का 09 वर्ष पुराना मामला*

*औरैया।* अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) अतीकुद्दीन ने थाना फफूंद क्षेत्र में 09 वर्ष पूर्व एवं नव विवाहिता की दहेज को लेकर हत्या किए जाने के दोषी गुड्डू निवासी नवादा ममरेपुर को नव वर्ष की कठोर कारावास एवं 15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से भी दंडित किया है। कोर्ट ने उसके आरोपी 6 परिजनों को दोष मुक्त कर दिया। . अभियोजन की ओर से पहले भी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी के अनुसार बड़ी मुकदमा मुकेश यादव पुत्र अमर सिंह निवासी हरगनपुर थाना नसीरपुर जनपद फिरोजाबाद ने थाना फफूंद में रिपोर्ट लिखाई। रिपोर्ट में उसने कहा है कि उसने अपनी बहन पूजा की शादी ग्राम ममरेजपुर निवासी गुड्डू पुत्र गोरेलाल के साथ की थी। शादी के बाद दहेज की मांग को लेकर पति गुड्डू व उसके परिजन बहन को प्रताड़ित करने लगे। दहेज की मांग पूरी नहीं कर नहीं पर 21 अगस्त 2015 को बहन पूजा के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। सूचना फल मायके वाले जब नवादा पहुंचे तो पूजा का मृत शरीर मिला। वादी की तहरीर पर सभी 07 परिजनों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने विवेचना कर केवल पति गुड्डू को आरोपी मानते हुए आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। यह मुकदमा अपार्ट सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) अतीकउद्दीन द्वारा शुक्रवार को निर्णीत हुआ। दौरान विचार पति के अतिरिक्त सास-ससुर एवं अन्य गोरेलाल अवधेश मुन्ना लाल श्रीमती माया, सोनम व गंगा चरण को धारा 319 दहेज प्रथा के तहत 24 नवंबर 2016 कोर्ट ने तलब किया। पति को छोड़कर सभी आरोपीगण जमानत पर हैं। अभियोजन की ओर से ए.डी.जी.सी. चन्द्रभूषण तिवारी ने सभी दोषियों को कठोर दण्ड देने की बहस की। वहीं बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अवस्थी ने सभी को निर्दोष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश अतीक उद्दीन ने केवल पति गुड्डू को दोषी माना व शेष परिजनों को दोषमुक्त कर दिया। कोर्ट ने पति गुड्डू को 9 वर्ष के कठोर कारावास व 15 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। कोर्ट ने अधिरोपित अर्थदण्ड की आधी धनराशि वादी मुकदमा मुकेश यादव को अदा करने का भी आदेश दिया। दोषी मुकेश को वापस जिला कारागार इटावा भेज दिया गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित करने का भी आदेश दिया गया।

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