*बिधूना में 51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का हुआ समापन*
*बुधवार की शाम को दीप महायज्ञ भी संपन्न हुआ*
*बिधूना,औरैया।* अखिल विश्व गायत्री परिवार बिधूना के तत्वाधान में शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा बिधूना कस्बें के रामलीला मैदान में आयोजित 51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा के मौके पर बुधवार की शाम को विशाल दीप महायज्ञ संपन्न हुआ। . इस महायज्ञ के अंतिम दिन गुरुवार को शांतिकुंज हरिद्वार की टोली के नायक ओमेश्वर देशमुख, समर बहादुर सिंह, जय सिंह राजपूत, अर्पित पांडे व श्याम पटेल की देखरेख में कार्यक्रम संयोजक मंडल के सदस्य मनोज कुमार श्रीवास्तव पंकज, अजय सेंगर, गुड्डू श्रीवास्तव, नाहर सिंह तोमर, प्रमोद गुप्ता बरतन वाले संजय मिश्रा, पंकज दुबे, छुन्नू तिवारी, दिनेश भदौरिया श्याम चौहान आदि की मौजूदगी में हजारों श्रद्धालुओं द्वारा यज्ञ में आहुतियां डाली गई। इस मौके पर गुरुवार को सुबह ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग किया गया तत्पश्चात यज्ञ के बाद विभिन्न संस्कार आयोजित हुए।शांतिकुंज हरिद्वार के टोली नायक ओमेश्वर जी ने प्रज्ञा पुराण कथा प्रवचन करते हुए कहा कि आदि शक्ति भगवती मां गायत्री सभी का कल्याण करती हैं इसलिए और गायत्री मंत्र समस्या समाधान का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि कर्म और भक्ति के अभाव में ज्ञानी भी अहंकारी बन जाते हैं ज्ञान के अभाव में मनुष्य के कर्म दुष्कर्म हो सकते हैं। जीवन और कर्म एक दूसरे के पूरक हैं इसके लिए मात्र श्रम ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म से जुड़ने से मानव सदाचारी बन जाता है और उसके कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होता है साथ ही यज्ञ हवन भी वातावरण का शुद्धिकरण करते हैं और इससे देवता भी प्रसन्न होते हैं। इस गायत्री महायज्ञ के समापन पर शांतिकुंज हरिद्वार की टोली की विदाई की गई।