April 19, 2025

*बिधूना में 51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ में चौथे दिन डाली गई आहुतियां*

*ध्यान साधना योग के साथ विभिन्न संस्कार व प्रज्ञा पुराण कथा गई सुनाई*

*मानव के दुखों का कारण कुमार्ग पर चलना है प्रज्ञा पुराण कथा प्रवक्ता ओमेश्वर*

*#बिधूना,औरैया।* अखिल विश्व गायत्री परिवार बिधूना के तत्वाधान में शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा बिधूना कस्बे के रामलीला मैदान में आयोजित 51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ एवं पावन प्रज्ञा पुराण कथा के चौथे दिन मौके पर बुधवार को शांतिकुंज हरिद्वार की टोली के नायक ओमेश्वर देशमुख, समर बहादुर सिंह, जय सिंह राजपूत, अर्पित पांडे व श्याम पटेल की देखरेख में कार्यक्रम संयोजक मंडल के सदस्य मनोज कुमार श्रीवास्तव पंकज, अजय सेंगर, गुड्डू श्रीवास्तव, नाहर सिंह तोमर, प्रमोद गुप्ता बरतन वाले संजय मिश्रा, पंकज दुबे, छुन्नू तिवारी, दिनेश भदौरिया आदि की मौजूदगी में हजारों श्रद्धालुओं द्वारा यज्ञ में आहुतियां डाली गई। इस मौके पर बुधवार को सुबह ध्यान साधना एवं प्रज्ञा योग किया गया तत्पश्चात यज्ञ के बाद विभिन्न संस्कार आयोजित हुए।
शांतिकुंज हरिद्वार के टोली नायक ओमेश्वर जी ने प्रज्ञा पुराण कथा प्रवचन करते हुए कहा कि एक बार नारद जी ने भगवान विष्णु से कहा कि भगवान मानव दुखी का क्यों है जिस पर भगवान विष्णु ने कहा कि नारद इन दिनों अनास्तिका का दौर है। मानव मानवीय गरिमा को भूल गया है और इसी कारण वह क्लेश विनाश विपत्ति के वातावरण में जूझ रहा है। भीषण विभीषिकाएं आ रही है क्योंकि जब मानव के अंदर विकृति विचार आता है तो प्रकृति भी विकृति हो जाती है। उन्होंने कहा कि मानव सद्मार्ग की जगह कुमार्ग पर चल रहा है और अपने जीवन की गौरव गरिमा को भूल गया है माता-पिता की सेवा की जगह उन्हें सता रहा है संतों गुरुओं का अपमान कर रहा है। बेईमानी में लिप्त है और यही कारण है कि मानव चाहे जितनी संपत्ति अर्जित कर ले बेईमानी कर ले लेकिन उसे आत्मिक सुख सुख हासिल होने वाला नहीं है। प्रज्ञा पुराण कथा प्रवक्ता ओमेश्वर जी ने कहा कि आज मानव को आत्मिक शांति और सुख समृद्धि के लिए सदमार्ग मार्ग पर चलने के साथ माता-पिता संतों और गुरुओं की सेवा करने की आवश्यकता है।

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