*शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दिया गया प्रशिक्षण*

*आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व सायबर सुरक्षा पर शिक्षकों को किया गया जागरूक*
*अजीतमल,औरैया।* जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अजीतमल पर चल रहे डिजिटल लिटरेसी से संबंधित पांच दिवसीय प्रशिक्षण में जनपद के सभी विद्यालयों को डिजिटल साक्षर बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद प्रशिक्षण में शामिल शिक्षक अपने विद्यालय में जाकर अपने बच्चों व स्टाफ के बीच भी विषय वस्तु को साझा करेंगे।प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस डाइट प्राचार्य जी एस राजपूत ने शिक्षकों को सलाह दी कि वे बच्चों कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं कंप्यूटर कौशल का प्रयोग कर बच्चों को पढ़ाएं ताकि जिले के बच्चों शिक्षण अधिगम स्तर उच्च हो सके। विषयवस्तु स्पष्ट रूप से बताएं ताकि बच्चे त्रुटियां कम से कम करें।
ट्रेनिंग के दौरान एसआरजी सुभाष रंजन दुबे व सुनील दत्त राजपूत ने भी डिजिटल लिटरेसी के बारे में शिक्षकों को जागरूक किया व व्यवहारिक जीवन में इसको उपयोगी बताया। एसआरजी सुनीलदत्त द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑनलाइन शिक्षण और ई-लर्निंग के बारे शिक्षकों को अवगत कराया गया। इस दौरान मास्टर ट्रेनर अनुराग यादव व अंकित कुमार अवस्थी ने एम एस ऑफिस, इंटरनेट की बुनियादी समझ, ईमेल और डिजिटल संचार,ऑनलाइन सुरक्षा और साइबर जागरूकता आदि विषयों पर शिक्षकों की समझ विकसित की और बताया कि जिस प्रकार दैनिक जीवन में हर व्यक्ति का साक्षर होना आवश्यक है। उसी प्रकार आज के आधुनिक में हर व्यक्ति का डिजिटल साक्षर होना भी आवश्यक है। आज कल कोई भी कार्यक्षेत्र कंप्यूटर या इंटरनेट से अछूता नही है। जहां एक ओर इस तकनीकी के फायदे भी हैं, तो वही दूसरी ओर इसका दुरुपयोग भी हो रहा है।जानकारी के अभाव में भोले भाले लोग सायबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। आये दिन लोग जानकारी के अभाव में डिजिटल अरेस्ट या ठगी का शिकार हो रहे हैं। पड़े लिखे लोग भी आसानी से झांसे में आकर सायबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जागरूकता की विशेष आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि ठगों द्वारा फोन कॉल करके बच्चों या घर के किसी सदस्य को लेकर भावनात्क रूप से ब्लैकमेल करके रुपयों की मांग की जाती है। तो ऐसे में नजदीकी पुलिस थाने में या टॉल फ्री नम्बर 1930 पर सूचना दें। अननोन नंबर पर ज्यादा देर बात न करें। अनचाहे एप्प या सॉफ्टवेयर को डाउनलोड न करें। अपना गोपनीय पासवर्ड या पिन किसी के साथ साझा न करें। ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन करते समय सावधानी बरतें। समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें। जागरूक रहना ही बचाव है। ट्रेनिंग के दौरान सन्दर्भदाताओं द्वारा अलग अलग सत्र के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान जनपद के विभिन्न विद्यालयों से आये शिक्षक मौजूद रहें।