*भगवान पाप का नाश कर करते हैं धर्म स्थापना-आचार्य राजेंद्र शुक्ला*

*जब पृथ्वी पाप से दबती है तो भगवान आकर पाप का नाश कर करते हैं धर्म स्थापना*
*औरैया।* शहर के मोहल्ला आर्यनगर काली माता मंदिर पर श्री मद भागवत कथा पंडाल में पर चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य पंडित राजेंद्र शुक्ला जी महाराज जी ने भगवान के चरित्र, ध्रुव और विदुर के बारे में बताते हुए कहा कि भक्त ध्रुव ने पांच साल की उम्र में ही भगवान को पा लिया था। ध्रुव की मां ने उन्हें समझाया था कि उनकी मौसी ने सही कहा है कि उन्हें भगवान की तपस्या करनी चाहिए। विदुर जी के बारे में कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण विदुर जी की कुटिया में भोजन करने गए थे और वहां केले के छिलके भी खाए थे। आचार्य जी ने आगे कहा कि जब भी पृथ्वी पाप से दबती है, तब भगवान अवतार लेकर पाप का नाश करते हैं और धर्म को स्थापित करते हैं। मनुष्य को यह समझना चाहिए कि धन कमाना ही श्रेष्ठ नहीं है, बल्कि धन कमाने के साथ-साथ ईश्वर की आराधना और भक्ति भी करनी चाहिए। इस मौके पर परीक्षित सरोजनी देवी पत्नी अशोक कुमार दीक्षित सहित कैलाश नाथ दीक्षित, बाल गोविंद, कृष्ण माधव, गोविंद माधव एवं श्रोतागण मौजूद रहें।