*हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास*

*- सदर कोतवाली क्षेत्र के 15 वर्ष पुराने मामले में फैसला*

*- न्यायालय ने अभियुक्त पर लगाया 10 हजार रुपये अर्थदंड*

*औरैया।* सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गांव समरथपुर के समीप करीब 15 वर्ष पहले हुई एक दूधिया की हत्या के मामले में मंगलवार को न्यायालय ने फैसला किया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विकास गोस्वामी ने दोषी संदीप निवासी खरका की मड़ैया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर 10 हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया।
उक्त मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि ग्राम द्वारिकापुर निवासी रामदीन ने सदर कोतवाली में हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया। वादी ने लिखा कि 18 जुलाई 2009 को उसका पुत्र सुनील कुमार दूध देने के लिए शाम को घर से औरैया आया था। उसका लड़का रात में घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने सुबह खोजबीन की। गांव समरथपुर के सामने सड़क किनारे बेटे का शव मिला। शरीर पर कई जगह चोटों के निशान थे। वादी ने गांव के रामस्वरूप, विद्याराम, मुन्नी लाल व करतार के खिलाफ हत्या का मामला पंजीकृत कराया। हत्या का कारण बताते हुए वादी ने लिखा कि उसका पुत्र अपने मकान की नींव भरना चाहता था। आरोपित मना करते थे और खेत से होकर खेत में होकर चकरोड निकाल रहे थे। सुनील ने विरोध किया। इसी रंजिश के के कारण उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने चारों नामजदों को निर्दोष माना। गांव खरका की मड़ै‌या निवासी संदीप के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चन्द्रभूषण तिवारी ने दोषियों को कठोर दंड देने की बहस की। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) विकास गोस्वामी ने चारों नामजद आरोपितों रामस्वरूप, विद्याराम, मुन्नी लाल व करतार को दोषमुक्त कर बरी कर दिया। आरोप पत्र में हत्यारोपित संदीप पुत्र रामशंकर निवासी खरका की मड़ैया को दोषी माना व सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को 06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अभियुक्त को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।

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