स्कूलों को हरहाल में निपुण बनाएं शिक्षक -डायट प्राचार्य*


बैठक को संबोधित करते हुए डायट प्राचार्य गंगा सिंह राजपूत ने कहा कि निपुण विद्यालय बनाने के लिए सबसे पहले बच्चों की विद्यालय में अच्छी उपस्थिति होना बहुत आवश्यक है। जिन विद्यालयों के भौतिक व शैक्षिक परिवेश अच्छा है, वहां बच्चों की उपस्थिति निश्चित रूप से अच्छी रहती है। जो बच्चे परिषदीय विद्यालयों में आते है उनके भविष्य की संवारने की जिम्मेदारी आपके कंधो पर है। नई सुगम और सरल शिक्षण विधियों द्वारा बच्चों को को सिखाए। उन्होंने बताया कि तीन चरणों में निपुण आकलन किया जाना है, जिसमें पहला निपुण आंकलन अक्टूबर, दूसरा दिसंबर और तीसरा निपुण आंकलन फरबरी में होना है।वही एसआरजी सुभाष रंजन द्विवेदी ने संकुल शिक्षण मीटिंग को जीवंत रखने के लिए पंच सूत्र और 5 प्वाइंट टूलकिट पर विस्तार से चर्चा की। डॉ निधि अवस्थी ने बताया कि बुनियादी कार्यों को सही ढंग से करें, दूसरों कोध्यान पूर्वक सुने और अपनी सकारात्मक प्रक्रिया दे पर विस्तार से चर्चा की,साथ ही बताया कि 30 और 31 अगस्त को डायट पर नवाचार मेला का आयोजन होना है उसमे अधिक से अधिक शिक्षक प्रतिभाग करे।डायट मेंटर रामनरेश ने गतिविधियों पर आधारित शिक्षण विधियों पर जोर दिया।वही डायट मेंटर विनय कश्यप ने निपुण तालिका कैसे भरें उसपर विस्तार पूर्वक चर्चा की। इस मौके पर वरिष्ठ डायट प्रवक्ता डॉ विजय वर्मा, एसआरजी सुनील दत्त राजपूत, डायट मेंटर गोपाल, संतोष सोनकर,आनंद कुमार,निधि अवस्थी, विनय कश्यप सहित अजीतमल ब्लॉक और औरैया ग्रामीण के नोडल संकुल शिक्षक सहित शिक्षक संकुल मौजूद रहे।