*बच्चों ने पौधरोपण करके दिया पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश।*
पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर ज्ञान कुंज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल जमौली के बच्चों ने अपने स्कूल में और आस – पास पौधे लगाएं और सभी से पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने की अपील की।आजकल बच्चे भी पौधे लगाने के लिए आगे आ रहे हैं। उन्हें भी यह उम्मीद है कि आज हम जो पौधे लगाएंगे, उनसे भविष्य में हमें फल, शीतल हवा, छांव और स्वच्छ वातावरण मिलेगा। वन महोत्सव भारत में प्रति वर्ष जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में एक से सात जुलाई तक मनाया जाता है।
इस अवसर पर अलग-अलग जगहों से आए प्रधान वा अन्य लोगो ने भी वृक्षारोपण किया।जिसमे लुखड़पुरा प्रधान श्री मुकेश राजपूत
करौंदा डीलर श्री हरिबाबू, प्रबंधक श्री दीपप्रकाश राजपूत, डायरेक्टर श्री आर. के. शुक्ला, प्रधानाचार्य श्री एम. के. अर्जुन , उपप्रधानाचार्य श्रीमति बीना त्रिपाठी , कोऑर्डिनेटर अभिषेक शुक्ला , अध्यापक हरिविलास , बृजेन्द्र पाल, विशाल यादव , अनूप सिंह, देवकरण एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहा। बच्चों ने कहा कि वन महोत्सव पर पौधे लगाकर उद्देश्य की पूर्ति की जाती है। जैसे वैकल्पिक ईंधन व्यवस्था समस्या का समाधान भूमि संरक्षण है, तो लोगों में पेड़ों के प्रति जागरूकता की शिक्षा का देना भी आवश्यक है। कहा कि पेड़ लगाना प्रदूषण को रोकने में सबसे अच्छा रास्ता है। वन महोत्सव जीवन में उत्सव की तरह मनाया जाता है। भारत में धरती माता की रक्षा के लिए धर्मयुद्ध की तरह शुरू किया गया, यह वन महोत्सव पेड़ों का उत्सव ही है।आयुर्वेद के अनुसार पेड़ पौधों की सहायता से मानव को स्वस्थ एवं दीर्घायु किया जा सकता है। तीव्र गति से जनसंख्या बढ़ने तथा राष्ट्रों के औद्योगिक विकास कार्यक्रमों के कारण पर्यावरण की समस्या गंभीर हो रही है। – *बीना त्रिपाठी*
वृक्षों पर अनेक प्रकार के पक्षी अपना घोंसला बना कर रहते हैं और उनकी कल – कल मधुर ध्वनि पर्यावरण में मधुरता घोलती है। अनेक प्रकार के स्वाद भरे फल हमारे भोजन को रसमय और स्वादिष्ट बनाते हैं। – *आर के शुक्ला*
वृक्षों की भारी मात्रा में कटाई से जलवायु बदल रही है। तापमान भी प्रभावित हो रहा है। कार्बन डाई आक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है, इसे भी भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य को खतरा है। – *प्रबंधक दीप प्रकाश*
वृक्ष हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। यह हमारे द्वारा छोड़े गए कार्बन डाई आक्साइड गैस को खींच लेते हैं और हमें आक्सीजन देते हैं। – *प्रधान मुकेश राजपूत*