मुद्दे की बात,पचनद बांध* *परियोजना को धरातल पर लाने के बिधायक मंत्री सहित सांसद तक ने थपथापाई मेजें, नतीजा शून्य आखिर क्यों?*
*औरैया।* औरैया,इटावा के बार्डर पर पांच नदियाँ जिनमें से क्वारी, पहुज, सिंध और चंबल नदी का संगम स्थल पर पचनद बांध प्रस्तावित था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भी शामिल था। इस पचनद बांध से बुंदेलखंड को भरपूर पानी मिलता वहीं बिजली का भी निर्माण होता लेकिन कई वर्षों के बाद अब बांध की जगह बैराज निर्माण शुरू हुआ, पचनद बांध बनाने को लेकर केंद्रीय मंत्रियों सहित अधिकारियों के द्वारा अनेकों बार निरीक्षण किया गया। .जिसके बाद भी वर्षों की उम्मीद पचनद बांध/ पचनद बैराज के रूप घोषित हुआ परन्तु केन्द्र में भाजपा की 10 वर्ष की सरकार एवं उत्तर प्रदेश में भी 7 वर्ष की योगी आदित्यनाथ की सरकार इन योजनाओं को सिर्फ कागजी खानापूर्ति में सिमट कर रह गई है, आपको बताते चलें कि पचनद बांध बनने से बुंदेलखंड में पानी की किल्लत दूर होगी, वहीं यमुना नदी में 1081 किलोमीटर में जलमार्ग का रास्ता भी साफ होगा। इसी को देखते हुए शेरगढ़ घाट पुल और पचनद बैराज की डिजाइन तैयार की गई है। जोकि सड़रापुर में बनने वाला पचनद बैराज नेविगेशन लॉक के साथ बनना था। वहीं शेरगढ़ घाट से जालौन सीमा तक जोड़ने वाले पुल में पियर से पियर की दूरी बढ़ाई गई थी ताकि जल परिवहन के दौरान बड़े जहाजों आदि को निकलने में आसानी हो। 1376 किलोमीटर लंबी यमुना नदी में हरियाणा, दिल्ली से पानी के जहाज सीधे प्रयागराज पहुंच सकेंगे। इससे यमुना पट्टी वाले जिलों में व्यापार को भी बल मिलना सम्भव था, साथ ही औरैया इटावा के पचनद पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मैं आपको बताता चलूँ कि सन 2021 में भाजपा के सांसद राम शंकर कठेरिया ने क्षेत्रीय जनता को अश्वस्थ करते हुये कहा था कि औरैया इटावा के बॉर्डर पर पचनद बांध परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ही करेगी। उन्होंने मीडिया को यह बताया था कि वह स्वयं ही इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करायेंगे, यहाँ तक सांसद राम शंकर कठेरिया ने बताया था कि वह स्वयं सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग से भी मुलाकात कर पचनद बांध परियोजना के निर्माण को लेकर चर्चा की है।