वाटर कूलर का बिना लगाए किया 1.62 लाख भुगतान*
*अजीतमल,औरैया।* विकासखंड के अंतर्गत एक ग्राम पंचायत में प्रधान और सचिव ने मिलकर वाटर कूलर लगवाने के नाम पर 3 माह पहले लाखों रुपए का भुगतान फर्म को कर दिया लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद भी धरातल पर कोई काम नहीं हुआ उधर नाराज ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस समय भीषण गर्मी में लोग बुरी तरह से बेहाल है। ग्रामीण क्षेत्र में जगह जगह वॉटर कूलर लगवाने के निर्देश है। ताकि गांव के लोगो को पीने के लिए ठंडा पानी मिल सके। वही अजीतमल विकास खंड की ग्राम पंचायत बाबरपुर देहात में ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने वाटर कूलर लगवाने के लिए एक फर्म को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया। लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद आज भी वाटर कूलर नही लगा।यहां तक कि सचिव गवेंद्र पाल ने किसी अन्य जगह लगे वाटर कूलर की फोटो भी भुगतान समय अपलोड कर दी है। उधर वाटर कूलर न लगने से लोगो को पीने के लिए ठंडा पानी भी नसीब नही हो रहा है।
*तीन माह पहले हो चुका भुगतान*
ग्राम पंचायत बाबरपुर देहात की प्रधान सोना देवी और ग्राम विकास अधिकारी गवेंद सिंह पाल द्वारा ग्राम पंचायत के गांव सिद्धार्थनगर में वाटर कूलर लगवाने के लिए 16 मार्च 2024 को फर्म तेज इंटरप्राइजेज को 1,62,856 रुपए का भुगतान भी कर दिया। लेकिन तीन माह बाद भी वाटर कूलर न लगने पर ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
*12 जून को पंचायत में लगी थी चौपाल*
गौरतलब हो कि केंद्रीय टीम के अधिकारी एव सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के डायरेटर शशि कुमार ने 12 जून को मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह के साथ गांव खुशालपुर में चौपाल लगाकर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत देखी थी। लेकिन डायरेटर शशि कुमार ने महज पंद्रह मिनट का समय चौपाल में दिया। उस चौपाल में ग्रामीण शिकायत करने के लिए पहुंचे थे लेकिन उनकी शिकायत सुनें बिना ही डायरेटर और मुख्य विकास अधिकारी चले गए। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि भ्रष्टाचार की जड़े योगी सरकार में मजबूती पकड़ रही है।
*क्या बोले जिम्मेदार*
देखता हूँ, अभी इस मामले को, जे ई से जानकारी करता हूँ। (खंड विकास अधिकारी अजीतमल अतुल यादव)।