November 19, 2024

*कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन किया- प्रतिभा शुक्ला*

*राज्यमंत्री,औरैया सदर विधायिका, कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी, भाजपा जिलाध्यक्ष,कार्यकम संयोजक भाजपा सहित अन्य पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओ ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर जुलूस निकाला*

*गोष्ठी आयोजित कर लोकतंत्र सेनानियों को अंगवस्त्र व मालार्पण कर किया सम्मानित किया*

*औरैया।* 25 जून 1975 को कांग्रेस शासन द्वारा आपातकाल लागू किया गया तथा लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार देश के इतिहास में काला दिवस के रूप में जाना जाता है। इसी के तहत केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार व प्रांतीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में जिले के भाजपाइयों ने मुख्य अतिथि उप्र सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, औरैया सदर विधायिका गुड़िया कठेरिया, कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी आनंद सिंह, जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता, कार्यकम संयोजक भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमर चंद्र राठौर सहित अन्य पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओ ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन कर जुलूस निकाला। फफूंद रोड स्थित गुलाब महाविद्यालय में गोष्ठी आयोजित कर लोकतंत्र सेनानियों को अंगवस्त्र व मालार्पण कर सम्मानित किया। गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। .गोष्ठी की मुख्य अतिथि उप्र सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि 25 जून 1975 को कांग्रेस शासन द्वारा आपातकाल लागू किया गया था। कांग्रेस ने लोकतंत्र का मजाक बना कर लोकतंत्र की हत्या, मानवाधिकारों का हनन एवं देशवासियों को विभिन्न प्रकार का अत्याचार किया गया था। इसी के तहत हम लोग काला दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाकर लोकतंत्र का मजाक बनाने वाली कांग्रेस संविधान बचाने एवं लोकतंत्र बचाने का झूठा नाटक कर रही है। कल संसद में संविधान दिखाकर कांग्रेस आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भी कांग्रेस आज भी वही झूठ फैलाने का काम कर रही है। संविधान बदलने वाली कांग्रेस आज भी लोकसभा में संविधान की किताब दिखाकर विरोध प्रदर्शन कर रही थी। उन्होंने कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों पर भी निशाना साधा। कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटते हुए लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रची थी। रात के अंधरे में 25 जून 1975 को श्रीमती इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था। तब विपक्ष के नेताओं को बंद करके लोकतंत्र के गले को पूरी तरह से घोंटने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि हम इमरजेंसी की यादों को स्मरण करते हैं, तो स्वाभाविक रुप से कांग्रेस के चेहरे बदले होंगे, लेकिन उनका चरित्र, हावभाव वहीं है। .उन्होंने संविधान की मूल आत्मा कही जाने वाली प्रस्तावना में ही संशोधन करके संविधान को खत्म करने की साजिश रची। नागरिकों के मौलिक अधिकारों खत्म करन का साजिश रचा। उन्होंने कहा कि भले ही आज कांग्रेस का चेहरा बदला हो लेकिन चरित्र वही है। ये लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं। ये भारत के बाहर जाकर भारत को और इसके लोकतंत्र को कोसते हैं। हर चुनाव प्रक्रिया में बाधा पैदा करके ईवीएम पर अपनी अकर्मण्यता को थोपने का काम करते हैं। कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी आनंद सिंह ने कहा कि यह आज से ही नहीं, 1975 से नहीं बल्कि आजादी के 2 साल बाद ही शुरू हो गया था। जब संविधान संशोधन करके इन्होंने धारा 370 को जोड़ने का काम किया। इसके बाद भी समय-समय पर वे लोकतंत्र को कमजोर करते रहे। कभी मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर तो कभी न्यायपालिका पर सवाल उठाकर उन्होंने लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने का प्रयास किया।
1975 की इमरजेंसी की घटना के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए, संविधान को बचाने के लिए, नागरिकों की रक्षा के लिए जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर करने का काम किया था, उन्हीं की वर्तमान पीढ़ी आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है। यह अफसोस की बात है।सदर विधायिका गुड़िया कठेरिया,भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं लोकतंत्र सेनानी श्रीकांत पाठक ने कहा कि जहां भी कांग्रेस की सरकार है, उनके काम से यह पता चलता है कि किस तरह का विचार है। उनके जो भी सहयोगी है, उनकी कार्य पद्धति को आप देखें तो पता चल जाएगा। बंगाल में टीएमसी, केरल में, तमिलनाडु में उनके सहयोगियों की कार्य पद्धति देखनी चाहिए। वे लोग जनता को गुमराह करके संसद की कार्यवाही रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री कौशल राजपूत, भाजपा जिला उपाध्यक्ष चंद्रकांती मिश्रा,अनिल तोमर,यशवीर सिकरवार, क्षेत्रीय मंत्री किसान मोर्चा अवधेश शुक्ला,जिला मंत्री राहुल गुप्ता, विशाल शुक्ला, नमामि गंगे के जिला संयोजक सोनू सोनी, शिक्षण संस्थान के जिला संयोजक रंजीत राजावत, नगर पालिका चेयरनैन अनूप गुप्ता, औरैया मंडल अध्यक्ष रामजी बाजपेई, दिबियापुर मंडल अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान सहित गोविंद मिश्रा, अरविंद सेंगर, शिवेंद्र सिंह, आशाराम राजपूत,अनुराग दीक्षित, ओपी गुप्ता, वीर सिंह, दीक्षांत गुप्ता, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मंजू सिंह सेंगर,जिला महामंत्री खुशबू पांडेय, कंचन श्रीवास्तव आदि लोग रहे।

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