November 20, 2024

लाइसेंसी रिवाल्वर व नकदी चोरी के दोषी दो युवकों को चार वर्ष की कैद*

*थाना दिबियापुर का चार वर्ष पुराना मामला* *गरीबी व पैरवी के अभाव में जुर्म इकबाल किया*

*औरैया।* अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सैफ अहमद ने थाना दिबियापुर क्षेत्र के करीब चार वर्ष पूर्व एक व्यापारी के घर से लाइसेंसी रिवाल्वर, नकदी व मोबाइल की चोरी करने के दोषी दो अभियुक्त नीरज कुमार पांडेय और देवा को चार वर्ष के कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया। इस घटना से संबंधित पांच मुकदमे इन अभियुक्तों पर दर्ज हुए। सभी पर कुल चार वर्ष की सजा स्वेच्छा से जुर्म इकबाल किए जाने पर कोर्ट द्वारा दी गई। नीरज पर नौ हजार व देवा पर पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगा।
. अभियोजन की ओर से एडीजीसी मुकेश कुमार पोरवाल ने बताया कि ग्राम औतों के पूर्व प्रधान अनिल कुमार ने थाना दिबियापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने एक मकान व्यापारिक उद्देश्य से महामाई चौराहे के निकट बनवाया था। जिसमें नीचे सीमेंट, गिट्टी, मौरम की दुकान किए हुए हैं और ऊपर मकान में खुद रहता है। 26 मई 2020 को वह करहल के पास ट्रक से गिट्टी उतरवाने मोटर साइकिल से गया था। रात्रि में वापस आ गया। रात दो बजे जब वह मोबाइल चार्ज करने के लिए उठा तो उसका मोबाइल, खूटे में टंगे थैले से लाइसेंसी रिवाल्वर व दुकान के रखे एक लाख रुपए गायब मिले। अज्ञात चोर के विरूद्ध एफआईआर थाना दिबियापुर में दर्ज हुई। पुलिस ने आनन-फानन 30 मई को दो अभियुक्त नीरज कुमार पांडेय (25) मूल निवासी मुसावली थाना इकबिल जिला इटावा हाल निवास उमरी दिबियापुर तथा देवा (20) निवासी कांशीराम कालोनी दिबियापुर को गिरफ्तार कर चोरी गई रिवाल्वर वगैरह बरामद कर ली। .दोनों अभियुक्तों पर पुलिस पार्टी पर हमला, आयुध अधिनियम व चोरी के माल की बरामदगी आदि के पांच मामले थाने में दर्ज हुए। सभी में चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत हुई। यह मुकदमे अपर सत्र न्यायालय में चले। विचारण के दौरान दोनों अभियुक्तों ने 21 जून 2024 को सीआरपीसी की धारा 313 की कार्यवाही में स्वेच्छा जुर्म इकबाल करते हुए कहा कि वह बेहद गरीब युवक है। उनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है। अत: उन्हें कम सजा देने की कृपा करें। वहीं अभियोजन की ओर से एडीजीसी मुकेश पोरवाल ने कठोर दंड की बात कही। एक अभियुक्त देवा गिरफ्तारी के समय से अभी तक जेल में निरूद्ध है। जबकि नीरज पांडेय जमानत पर है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश (तीन) सैफ अहमद ने दोनों अभियुक्तों नीरज व देवा को कुल चार वर्ष के कठोर कारावास व अर्थदंड की सजा से दंडित किया। कोर्ट ने इस मामले में जेल में बिताई गई अवधि उपरोक्त कारावास की समयावधि में समायोजित करने का आदेश भी दिया।

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